मायावती को PM बनाने को बसपाई चलाएंगे अभियान, गांव-गांव बताएंगे उपलब्धियां

हाथी का बटन दबाएंगे बहन कुमारी मायावती को पीएम बनाएंगे, ऐसा फिर नहीं मिलेगा मौका…।’ बसपाई आजकल यही गीत गुनगुना रहे हैं। एक आडियो कैसेट जारी हुआ है, जिसमें मायावती को प्रधानमंत्री बनाने की बात की जा रही है। यह पहला मौका नहीं है। इसके पहले भी जुलाई में लखनऊ व कानपुर के मंडलीय कार्यकर्ता सम्मेलन में यह मामला जोर-शोर से उठ चुका है।

गांव-गांव बताएंगे उपलब्धि
बसपा कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए गीतों वाला आडियो कैसेट भी तैयार कराया गया है। बसपा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वह विधानसभा बूथवार सम्मेलनों का दौर शुरू करें। इसमें इस कैसेट को सुनाएं और मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए जो भी काम किए गए हैं, उसको लोगों को बताएं। इसके साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की खामियों को बताया जाए। इसमें खासकर दलित हितों की होने वाली अनदेखी को जरूर बताया जाए।

गठबंधन को धार देने में जुटी
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती इन दिनों भाजपा के खिलाफ महागठबंधन को धार देने में जुटी हुई हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर वह कांग्रेस व अन्य पार्टियों के साथ बेहतर गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही हैं। यूपी में लोकसभा उप चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बेहतर परिणाम सभी ने देखे हैं। मायावती कह चुकी हैं कि भाजपा को रोकने के लिए सीटों के बेहतर बंटवारे पर वह गठबंधन करेंगी। इसीलिए पार्टी कार्यकर्ता भविष्य में होने वाले गठबंधन को लेकर खासे उत्साहित हैं।

गठबंधन का कौन होगा चेहरा
लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले गठबंधन में प्रधानमंत्री के लिए कौन चेहरा होगा, यह अभी तक साफ नहीं है। मायावती दलित के साथ महिला हैं। देश में इंदिरा गांधी के बाद किसी महिला को प्रधानमंत्री बनने का मौका नहीं मिला है। इसलिए बसपा कार्यकर्ता वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मायावती को प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले बसपा का मंडलीय सम्मेलन शुरू हुआ। लखनऊ-कानपुर का मंडलीय सम्मेलन 16 जुलाई को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुआ। इसमें कार्यकर्ताओं से मायावती को प्रधानमंत्री के चेहरे रूप में प्रोजेक्ट करने पर खूब जोर दिया गया। मगर इसमें राहुल गांधी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी के बाद मंडलीय सम्मेलन स्थगित कर दिया गया। कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत के साथ कहा गया है कि विधानसभा बूथवार सम्मेलन में सिर्फ अपनी उपलब्धियों की बात की जाएगी और मायावती के संघर्षों को बताया जाएगा।

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