गोलगप्पे खाने से पहले ग्वालियर में दिखाना पड़ता है आधार कार्ड, नहीं खिलाए जाते बच्चों, महिलाओंऔर बुजुर्गों को गोलगप्पे
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भगत स्ट्रीट फूड पर बिना आधार कार्ड दिखाए पानी पूरी नहीं खिलाए जाते हैं, क्योंकि छोटेलाल भगत का दावा है कि वह दुनिया का सबसे तीखा पानी बनाते हैं, जिसे 18 साल से कम उम्र के बच्चे, 50 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और महिलाएं नहीं खा सकती हैं और अगर वह चोरी-छिपे या उम्र छिपाकर पानी पूरी पी जाते हैं तो उनका बीमार होना स्वाभाविक है। छोटेलाल कहते हैं कि पानी इतना तीखा होता है कि टिक्की मुंह में रखते ही करंट जैसा झटका लगता है। फिर भी लोग उसका लुफ्त लेते हैं।
यहाँ पर महिलाओं और युवतियों की नहीं बल्कि युवाओं की जुटती है भीड़
आमतौर पर गोलगप्पों की दुकान पर महिलाओं और युवतियों की भीड़ जुटती है लेकिन गोला का मंदिर भिंड रोड पर छोटेलाल उर्फ सीताराम भगत के भगत स्ट्रीट पॉइंट पर सिर्फ पुरुष ही आते हैं। इनमें 18 साल के युवा से लेकर 50 साल की उम्र के लोग शामिल होते हैं।
भगत बताते हैं कि वे 1984 से गोलगप्पे की दुकान चलाते हैं। जब वे 13 साल के थे तब सिर पर पानी पूरी की डलिया लेकर गली-गली घूमा करते थे। फिर ठेला खरीदा और आज उनके चार स्टॉल हैं। वे 10 रुपए में 4 गोलगप्पे खिलाते हैं।
स्पेशल है जलजीरा पानी
छोटेलाल बताते हैं कि गोलगप्पे के पानी के लिए वह खास तरीके से पानी तैयार करते हैं। इसमें वे जलजीरा का भी यूज करते हैं। साथ ही जलजीरा की मदद से हरी मिर्च का पेस्ट भी तैयार करते हैं। इसमें रेड चिली पाउडर भी भरपूर मात्रा में डालते हैं।
पसंद हैं ग्राहकों को भगत के गोलगप्पे
भगत स्ट्रीट कॉर्नर पर पानीपूरी का आनंद ले रहे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बृजेन्द्र भदौरिया का कहना है कि जिन्हें तीखा पसंद है उनके लिए तो यह गोलगप्पे स्वाद से भरे हैं। हमें तो कभी तीखा नहीं लगा। हां जब गोलगप्पे को मुंह में डालते हैं तो एक सेकंड के लिए झटका सा लगता है उसके बाद सब सामान्य हो जाता है।सेना के जवान मानसिंह ने बताया कि तीखा जलजीरा पानी की अपनी अलग बात है और यही भगत जी को खास बनाती है। यहां आकर पानीपूरी खाने में मजा आता है, हाजमा भी सही हो जाता है।
ग्राहकों के प्यार और आशीर्वाद से चलता है कारोबार
छोटेलाल कहना है कि ग्राहकों का प्यार और राधे का आशीर्वाद से उनका कारोबार चल रहा है। उन्होंने बताया कि कई बार महिलाएं, युवतियां और बच्चे खाने की जिद करते हैं लेकिन वे मना कर देते हैं। उनके लिए पास में ही दूसरा स्टॉल लगाया गया है।