केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई सूची में आगरा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 486 पर पहुंच गया। पड़ोसी मथुरा जिले का वृंदावन दूसरा प्रदूषित शहर रहा जहां एक्यूआई 475 रहा। देश के सबसे प्रदूषित 10 शहरों में से 8 उत्तर प्रदेश के है जबकि दो हरियाणा के हैं।
सोमवार इस साल का सबसे प्रदूषित दिन रहा। इससे ठीक एक साल पहले 9 नवंबर 2020 को भी आगरा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा था लेकिन तब एयर क्वालिटी इंडेक्स 458 था। सोमवार को बिगड़ी हवा के पीछे मुख्य वजह धूल कणों की भारी मौजूदगी रही जो सीवर लाइन, पानी की लाइन, मेट्रो निर्माण कार्य, हाईवे पर फ्लाईओवर निर्माण और ट्रैफिक जाम के कारण वातावरण में बने रहे। भारी धुंध और जहरीली गैसों के कारण स्मॉग की चादर पूरे दिन शहर पर छाई रही जिससे मरीज तो परेशान रहे ही स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में परेशानी हुई, आंखों में जलन भी होती रही
दुनिया का सातवां अजूबा ताजमहल भारी प्रदूषण का शिकार बना है। सोमवार को शहर के पांच सेंटरों में की गई जांच में ताजमहल पर प्रदूषण की मात्रा शहर के अन्य हिस्सों से ज्यादा पाई गई।
सोमवार को प्रदूषण कुछ घंटे नहीं, बल्कि पूरे दिन बेहद घातक स्तर पर रहा। 24 में से 22 घंटों तक हवा में बेहद सूक्ष्म कण पीएम 2.5 की मात्रा 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के पार बनी रही। केवल दोपहर दो से चार बजे के बीच ही धूल कण 480 तक आए, लेकिन इसके बाद शाम को चार बजे के बाद फिर से 500 के पार पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा पहुंच गई। पीएम कणों के साथ ही बेहद हानिकारक कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा भी 33 गुना ज्यादा दर्ज की गई। सूक्ष्म कण पीएम 2.5 के साथ पीएम 10 कणों की मात्रा भी दिन भर 500 माइक्रोग्राम से ज्यादा रही है।
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि सभी निर्माणदायी एजेंसियों और विभागों को धूल नियंत्रण के उपाय करने को कहा गया है। इसके साथ ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान में जिन विभागों को जिम्मेदारी निभानी है उनसे डेली रिपोर्ट मांगी गई है। जो धूल नियंत्रण के उपाय नहीं करेंगे, उनसे पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूली जाएगी।