सामने आई इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की करतूत, लोहे की पत्ती और टूथब्रश से  ATM से निकाले रुपए

 

एमपी भोपाल में एक ऐसा केस सामने आया जहाँ  सीपेट से इंजीनियरिंग का डिप्लोमा करने वाले स्टूडेंट्स ने ATM से रुपए निकालने के लिए लोहे की पत्ती और टूथब्रश से नई जुगाड़ बना ली। आरोपी ATM से रुपए निकालते हुए CCTV में कैद हो गए। ऐशबाग पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी गैंग मध्य प्रदेश में ही नहीं हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी एक्टिव है। इससे पहले जनवरी में छिंदवाड़ा में भी इस गैंग के सदस्य पकड़े जा चुके हैं। खास बात यह है कि तीन आरोपियों को पकड़ने वाले ऐशबाग TI तब छिंदवाड़ा में तैनात थे। उन्होंने ही वहां इस गैंग का खुलासा किया था।

ऐशबाग थाने के TI मनीष राज भदौरिया ने बताया कि ATM से रुपए निकालने वाली गैंग की तलाश लंबे समय थी। 27 और 28 अक्टूबर को ऐशबाग थानाक्षेत्र में भी दो वारदातें हुईं। अप्सरा टॉकीज के पास कैनरा बैंक और काली मंदिर के पास पंजाब नेशनल बैंक के ATM से इसी तरह रुपए निकाले गए थे।

ATM और आसपास के CCTV के फुटेज में संदिग्ध युवक दिखे। फुटेज के आधार पर तीनों को हिरासत में लिया गया। पहचान ऐशबाग में रहने वाले 22 साल के दिव्यांश शुक्ला प्रतापगढ़ (उत्तरप्रदेश) के रहने वाले 23 साल के अभिषेक मिश्र और नागदा के रहने वाले शुभम मालवीय के रूप में हुई। शुभम अभी पिपलानी में किराए से रहता है। आरोपी सीपेट से इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कर रहे हैं।

UP से ली चोरी के लिए  ट्रेनिंग
अभिषेक ने बताया कि वह चोरी की यह जुगाड़ प्रतापगढ़ से सीखकर आया है। वहां पर अधिकांश लोग इसी तरह से जुगाड़ करके ATM से रुपए निकालते हैं। उसने बताया कि ATM के कैश निकलने वाले चैंबर में पेचकश डालकर पहले शटर तोड़ देते थे। इससे शटर फ्री हो जाता था। इसमें टूथब्रश की मदद से मछली पकड़ने वाले कांटे की तरह बने कांटे, फॉग या फिर बोलचाल की भाषा में फसली (लोहे की पत्ती से बना हुआ उपकरण) अंदर फिट कर देते थे। कांटा काम कर रहा है या नहीं इसके लिए एक ATM कार्ड से रुपए निकालने का ट्रायल भी करते थे।

निकालते हैं ऐसे  रुपए
जब भी कोई ATM में कार्ड लगाकर रुपए निकालने की प्रोसेस करता है। ATM की पूरी कमांड करने के बाद मशीन नोट काउंट करती हैं। काउंटिंग के समय बेल्ट पर आया पैसा बाहर न आकर उसके कांटे में फंस जाता था। इससे थोड़ी देर बाद ATM आउट ऑफ सर्विस का मैसेज देता है। आदमी के बाहर निकलते ही आरोपी अंदर जाकर ATM में से अपना कांटा निकाल लेते थे। ऐसे में ATM कार्ड धारक ने जितने भी रुपए निकाले होंगे वह उस कांटे में फंस जाते थे। यह रुपए आरोपी मौज-मस्ती में खर्च करते थे।

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