जन्ता तब भी जागती थी अब कहाँ सोई हुई है*– राजेश यादव

✍जब शेर दो क़दम पीछे हटता है तो ऐसे पीछे हटने का काम शेर किसी डर अथवा भय से नहीं करता है,।वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार शेर ऐसा काम घात लगाकर किसी बड़े हमले के लिए करता है।

जो प्रधानमंत्री नोटबंदी जैसे ऐतिहासिक साहसिक फैसले से पीछे नहीं हटा।

जो प्रधानमंत्री 370 की समाप्ति जैसे ऐतिहासिक साहसिक फैसले से पीछे नहीं हटा।

जो प्रधानमंत्री एक नहीं 2 बार पाकिस्तान की सीमा में घुसकर उसके जबड़े तोड़ने के फैसले से पीछे नहीं हटा।

जिस प्रधानमंत्री के शौर्य का उल्लेख पाकिस्तानी संसद में इस जिक्र के साथ हुआ हो कि उसके डर से पाकिस्तानी आर्मी चीफ और विदेश मंत्री की टांगे कांप रहीं थी।

वह प्रधानमंत्री कुछ सौ या कुछ हजार खालिस्तानी गुंडों और उनके गुर्गों के आंदोलन से डर गया। यह सोच कुछ कायर कुटिल धूर्तों की हो सकती है। मैं ऐसा नहीं सोचता।

हमारे दमदार प्रधानमंत्री अगर पीछे हटे है तो अवश्य ही इसके पीछे कोई बहुत बड़ा कारण है, वो करण क्या है यह बहुत जल्द देश के सामने आयेगा!

“जो किया किसानों के लिए किया, जो कर रहा हूं देश के लिए कर रहा हूं!”* सारा राज मोदीजी के इन शब्दों में ही छिपा है!

मैं राष्ट्रहित हेतु अपने प्रधानमंत्री के साथ हूं!

वही नारेन्दर मोदी के साथ की बात कौन करता है ।
अब बात तो जन्ता की करें तो जन्ता जागरूक है वही भूल फिर करें गे
तों फिर पछताना पडें गा /

*सुप्रेम लेख अपने विचार*🙏

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