राजस्थान सीकर जिले में पशुओं में इन दिनों लम्पी स्किन डिजीज वायरस फैल रहा है। वायरस गाय, बैल, भैंस सहित अन्य पशुओं को चपेट में ले रहा है। लेकिन पशुपालन विभाग इस मामले से बेखबर है। वायरस का पहला केस गुरुवार को पशु चिकित्सालय से महज 50 मीटर दूरी पर मिला।
जांच के बाद पशु के लम्पी स्किन वायरस से ग्रसित होने की पुष्टि की। इस बीमारी से ग्रसित पशुओं में तेज बुखार, शरीर में गांठ बनने के लक्षण सामने आते हैं। चिंताजनक यह है कि इस वायरस के लिए अभी तक कोई कारगर दवा नहीं है।
डाॅ. रशीद अहमद ने कहा कि शहर में लम्पी डिजीज का पहला केस सामने आया है। वायरस से ग्रसित गाय का इलाज शुरू कर दिया गया है।
डाॅ दीपक अग्रवाल ने बताया कि यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है। जो पशुओं में फैलता है। इस बीमारी से लड़ना पशुओं की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है।
पशु चिकित्सकों के अनुसार इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए पशुओं में दूरी बनाए रखना जरूरी है। इस वायरस की पहचान अगस्त 2019 में ओडिशा में हुई थी। यह बीमारी विषाणु जनक वायरस से फैल रही है। यह कैप्री पॉक्स की फैमिली का वायरस है। जो संक्रमित मवेशी से दूसरे मवेशी में फैलता है।
पशु चिकित्सकों के अनुसार, संक्रमित पशुओं में तेज बुखार, शरीर में गांठ (खासकर सिर, गर्दन, अंडकोष में) हो जाती हैं। मक्खियों से संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है। वायरस के कारण पशुओं के शरीर पर छोटी-बड़ी गांठें बन जाती है। जो पक कर फूटने लगती है। इनसे पानी निकलता है। पशुओं में दूध की कमी हो जाती है, भूख नहीं लगती। आंख व नाक से पानी बहने लगता है और सांस लेने में कठिनाई होती है। इलाज नहीं मिलने पर 10 से 15 दिन बाद में पशु की मौत हो जाती है।