गोरखपुर । आए दिन एम्स में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं व महिलाओं से लाखों की ठगी हो रही है। अब तक करीब 50 महिलाओं से करीब 19 लाख 32 हजार रूपये की ठगी का मामला सामने आ चुका है।
खोराबार निवासी सरिता की तहरीर पर नंदानगर दरगहिया निवासी मीरा के खिलाफ खोराबार थाने में पुलिस ने बुधवार की रात धोखाधड़ी व अमानत में खयानत के आरोप में केस दर्ज किया है। यह एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का पहला केस दर्ज हुआ है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
सीओ कैंट के निर्देश पर खोराबार थाने में बुधवार की रात दर्ज हुए मुकदमें में फरियादी खोराबार के नदुआ छावनी निवासी सरिता ने पुलिस को बताया कि बेलीपार के महाबीर छपरा निवासी रेखा व खोराबार के फुरसतपुर निवासी रमावती ने उसे बताया कि नंदानगर दरगहिया निवासी मीरा पत्नी सुनील कुमार एम्स में सफाई कर्मी, वार्ड ब्वाय, कंप्यूटर कैशियर की नौकरी दिलवा रही है। जिसके बाद रेखा व रमावती के साथ सरिता बीते 2 जुलाई को एम्स के बाहर नौकरी दिलवाने वाली मीरा से मिली। सरिता के साथ खोराबार के बड़गो निवासी मंजू गौड़ और बेलीपार के महाबीर छपरा निवासी राधिका गौड़ भी थी।
बताया खुद को एम्स का कर्मचारी
सरिता व अन्य लोगों के मिलने पर आरोपित मीरा ने बताया कि वह एम्स में काम करती है और वहां के अधिकारियों पंकज सिंह सोलंकी व विनोद यादव से अच्छे संबंध हैं। वह उन लोगों का विभिन्न पदों पर संविदा पर नौकरी लगवा देगी। लेकिन एक नौकरी का 50 हजार से डेढ़ लाख रूपये लगेंगे।
दिया है एकाउंट से रकम
दर्ज मुकदमें के अनुसार सरिता ने अपना व 11 अन्य लोगों का 147380 रूपये खाते से और 290000 रूपये नगद दिया। इसी प्रकार मंजू गौड़ ने अपना व सात अन्य लोगों का 405000, राधिका गौड़ ने अपना व आठ अन्य लोगों का 270000, मंजू शर्मा ने अपना व 12 अन्य लोगों का 420000, लाल मोहम्मद ने अपना व अपने भाई महबूब अली का 300000, बैजनाथ ने 20 हजार, मेनका ने 20 हजार,विमला ने 20 हजार, लक्ष्मण ने 20 हजार और अमन ने 20 हजार रूपये दिया। रकम लेने के बाद आरेापी मीरा ने 16 नवंबर 2021 तक नौकरी दिलाने का वादा किया था। लेकिन उसके बाद भी नौकरी नहीं दिलाई और फरार हो गई। परेशान होकर सरिता ने सीओ कैंट से मुलाकात की और जिसके बाद खोराबार पुलिस ने आरोपी मीरा के खिलाफ केस दर्ज किया है।