एमपी के होशंगाबाद में पिता की आंखों के सामने बेटा ट्रेन से कट गया। जवान बेटे के चीथड़ों को देखकर पिता सुध-बुध खो बैठा। वह ट्रैक पर बैठकर रोने-चीखने लगा तभी एक दूसरी ट्रेन आई जिसकी चपेट में पिता भी आ गया। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल ले जाते समय उसकी भी मौत हो गई।
घटना सोहागपुर के मारूपुरा में गुरुवार रात 12.30 बजे की है। रात में छोटेलाल विश्वकर्मा (36) की परिवार से किसी बात पर विवाद हो गया। वह घर से गुस्से में बाहर निकला। उसे मनाने के लिए पीछे-पीछे पिता मोहनलाल पुत्र सीताराम विश्वकर्मा (60) भी आ गए। छोटेलाल घर से 100 मीटर दूर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। वह ट्रैक पर बैठकर ट्रेन के आने का इंतजार कर रहा था। मोहनलाल उसे मना रहे थे। इसी दौरान ट्रेन आ गई और छोटेलाल चपेट में आ गया। ट्रेन की स्पीड तेज होने की वजह से उसके शरीर चीथड़े उड़ गए। उसके शरीर के अंग ट्रैक पर 200 मीटर तक बिखर चुके थे।
अपने जवान बेटे के आंखों के सामने चीथड़े उड़ते देख मोहनलाल की रूह कांप गई। पिता वहीं बैठकर रोने लगे और बेसुध हो गए। इसी दौरान अगली ट्रेन आ गई जिसकी चपेट में पिता भी आ गए। इंजन से टकराकर पिता मोहनलाल दूर जा गिरे। सिर में गंभीर चोट आई। अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई। पिता-पुत्र की मृत्यु से सोहागपुर में उनके मोहल्ले में मातम पसर गया। पुलिस ने बताया की मर्ग कायम कर लिया है। पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। परिजनों से बातचीत में विवाद व घटना सामने आई है। मामले की विवेचना की जाएगी।
बहु के मायके जाने से बेटा तनाव में था
पिता-पुत्र दोनों फर्नीचर का काम करते थे। जीआरपी SI एसएस शुक्ला ने बताया कि छोटेलाल की पत्नी प्रीति ससुराल से दूर खेरुआ में रहती है। परिजन ने छोटेलाल और उसकी पत्नी के बीच विवाद चलने की बात कही है। इससे वह तनाव में रहता था। रात में भी इसी बात को लेकर परिवार में विवाद हुआ था। सोहागपुर पुलिस और जीआरपी पिपरिया ने मर्ग कायम कर लिया है। पिता-पुत्र के शवों का शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक युवक छोटेलाल की शादी 11 साल पहले प्रीति के साथ हुई थी। उनके श्रेयांश (3) और शौर्य (5) दो बेटे हैं। प्रीति एक माह पहले दिवाली के दिन ही घर छोड़कर चली गई थी। वह खेरूआ गांव में रह रही है। दोनों बेटे पिता और दादा-दादी के पास ही रह रहे थे। पत्नी के जाने से छोटेलाल दुखी व मानसिक तनाव में रहता था।
बिखरे थे 200 मीटर तक शव के टुकड़े, एक-एक कर एकत्रित किए
मृतक के घर घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर है। सोहागपुर-पलकमती नदी के बीच में खंभा नंबर 795/10 से 795/14 है। ट्रेन की चपेट में आने के बाद छोटेलाल के शरीर के अंग बिखर गए। जीआरपी ने देर रात को उन अंगों को एकत्रित किया।
मृतक छोटेलाल और उसके पिता मोहनलाल विश्वकर्मा फर्नीचर का काम करते थे। परिवार में छोटेलाल के अलावा माता रामवती बाई, पिता मोहन और दोनों बेटे रहते थे। छोटेलाल का बड़ा भाई नारायण होशंगाबाद में रहता है। छोटेलाल और पिता मोहन की मृत्यु के बाद अब घर में बुजुर्ग मां रामवती बाई और मासूम बेटे श्रेयांश (3)और शौर्य (5) ही बचे हैं।