यूपी कानपुर के घाटमपुर में प्राइमरी स्कूल में मिड डे मील खाने से सोमवार को 20 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में 12 बच्चों को सीएचसी में भर्ती कराया गया। यहां सभी बच्चों का इलाज किया जा रहा है। इसमें दो बच्चों की हालत ज्यादा गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है खाने में छिपकली गिरी थी। वही खाना बच्चों को परोसा गया। उसे खाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी है।
खाना खाते ही हुई उल्टी और दस्त की शिकायत
सोमवार सुबह में स्कूल में बच्चों को खाना परोसा गया। खाना खाने के बाद 20 बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गए। उनकी हालत बिगड़ते देख शिक्षकों ने सीएचसी पर सूचना दी। इसमें से 12 बच्चों को एंबुलेंस की मदद से सीएचसी लाया गया।बच्चों ने बताया कि आज स्कूल में सोयाबीन की सब्जी और रोटी बनी हुई थी। प्राइमरी और जूनियर में कुल मिलाकर 48 बच्चे हैं, जिसमें में से आज 46 बच्चे ही स्कूल आए थे। खाना खाते ही इसमें से 20 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद सभी को गांव के ही पास के सीएचसी भेजा गया।
टीचर ने किया छात्रा की बात को अनसुना
स्कूल में पढ़ने वाली एक अन्य छात्रा ने बताया कि उसे जब खाने के लिए सब्जी दी गई तो उसमें छिपकली नजर आई। उसने टीचर को भी दिखाया। उन्होंने बच्ची से ये कह दिया कि दो सोयाबीन आपस में जुड़ गई हैं। इसके बाद उसे सब्जी से निकालकर फिंकवा दिया। स्कूल की हेड मास्टर शमीमा खातून और टीचर दीपमाला, नवीन, राहुल और कुंती देवी में से किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।
डॉक्टरों की मानें तो खाने में गड़बड़ी होने की वजह से एक साथ सभी बच्चों की तबीयत बिगड़ी है। जरूरत पड़ी तो उन्हें कानपुर जिला अस्पताल रेफर किया जाएगा। जांच में यह भी सामने आया है कि जिन बच्चों ने एमडीएम खाया था सिर्फ उन्हीं की तबीयत बिगडी है। गांव के लोगों ने खाने की भी जांच कराने की मांग की है।
घाटमपुर सीएचसी प्रभारी अजय मौर्या ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही जांच के लिए दो टीमों को सरसी गांव भेज गया था। बाकी अन्य बच्चों को टीम भेजकर स्कूल में ही चेक-अप करवा दिया गया है। हर बच्चे को दवा देने के साथ उनकी निगरानी की जा रही है।
मामले की जानकारी मिलते ही बीएसए डॉ. पवन तिवारी भी आनन-फानन में स्कूल पहुंचे। बीएसए ने बताया कि एमडीएम के खाने में गड़बड़ी कैसे हुई, इसकी जांच का आदेश दिया है। खाने की भी जांच कराई जाएगी। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।