केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना सूखे बुंदेलखंड के लाखों हेक्टेअर के रकबे की प्यास बुझाएगी।*–फहीम भारतीय

बांदा के सदर व पैलानी तहसील क्षेत्र के उन क्षेत्रों में नहरों का जाल बिछेगा जहां अभी नहरों का अभाव है। सिंचाई की समस्या के चलते किसान पूरे साल फसलों की पैदावार नहीं ले पाते। लेकिन इस परियोजा से मई-जून के महीनों में भी नहरों से पानी किसानों को मिलने की उम्मीद है।केन बेतवा लिंक परियोजना को जल्द ही धरातल पर अमली जामा पहनाने का कार्य शुरू होने की उम्मीद है। हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी के बाद परियोजना को लेकर लोगों की आशाएं बढ़ गई हैं। इसमें मध्य प्रदेश के दौधन में बांध बनाया जाएगा। बांदा में पहले से संचालित केन नहर प्रणाली की रिमाडलिंग (पुनरुद्धार) कराया जाना है। इसी तरह महोबा में सिंचाई विभाग के 20 तालाबों को आपस में जोड़कर किसानों का पानी दिया जाएगा। बांदा में केन-बेतवा लिंक परियोजना से करीब तीन हजार करोड़ व महोबा में पांच सौ करोड़ रुपये निर्माण व पुनरुद्धार के कार्य में खर्च किए जाने का प्रस्ताव है। बांदा के सदर तहसील अंतर्गत केन नदी में कनवारा व पैलानी में दो बैराज का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। इन्हीं बैराजों से इन दोनो तहसीलों के 60 हजार 446 हेक्टेअर की सिंचाई की जानी है। यह वह इलाका है जहां नहरों का अभाव है। माना जा रहा है कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से सिंचाई के साधन बढ़ने से यहां के किसान फसलों का उत्पादन बढ़ने से समृद्ध होंगे।

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