फतेहपुर: भ्रष्टाचार को आम बता कर आपरेशन के लिए अपना रेट गिनाने और अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले सर्जन पर आखिर पांचवें दिन डीएम की सख्ती के बाद सदर कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हो गया। तीन दिन से गोलमोल तहरीर पर अड़े सीएमएस डीएम की सख्ती के बाद बैकफुट में आ गए और मामले की वास्तविक तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। मामले में विवेचना के लिए सीओ सिटी केडी मिश्र को जिम्मेदारी दी गयी है। उधर मुकदमे के बाद जिला अस्पताल में सनसनी फैल गयी है।
शनिवार की शाम जिला अस्पताल के सर्जन नरेश विशाल का एक पांच मिनट का वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में सर्जन जहां निजी नर्सिंग मे जाकर आपरेशन करने के लिए पैसे मांग रहे थे वहीं जिला अस्पताल में होने वाले आपरेशनों के लिए सुविधा शुल्क मांग कर यह भी गिना रहे थे कि यह पैसा केवल उन्हीं की जेब नहीं जाता बल्कि तीन हिस्सों में बंटता है। हद तो तब हो गयी थी जब सर्जन ने एआरटीओ और खनन से डीएम को भी पैसा जाने की बात कहकर भ्रष्टाचार को आम बताया। सीएमओ व सीएमएस को आरोपी डाक्टर के साथ रविवार को तलब किया था। डीएम के समक्ष पेश होने के बाद सर्जन डीएम आवास से नाटकीय ढंग से गायब हो गए थे। इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदार मामले को हल्का करने में जुट गए थे। सीएमएस ने कोतवाली पुलिस को ऐसी तहरीर सौंपी जिस पर कोतवाल ने कोई मुकदमा न बनने का हवाला देकर मुकदमा दर्ज न करने की बात कही। पिछले तीन दिन से सीएमएस प्रकरण की वास्तविक तहरीर नहीं दे रहे थे, मंगलवार की रात एक बार फिर डीएम ने सेहत अफसरों को तलब कर खरी-खरी सुनाई जिसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ।