शाहपुर गांव के गणेश मोदनवाल (62) हत्याकांड का बुधवार को एएसपी ने पुलिस लाइन में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गणेश की हत्या में बटाईदार और उसके बेटे-दामाद को गिरफ्तार किया गया है। बटाईदार ने पत्नी पर गलत नीयत रखने और परिवार की एक महिला से कुछ दिन पहले छेड़खानी करने की खुन्नस में हत्या करना कबूल किया है।
एएसपी राजेश कुमार ने बताया कि हत्याकांड में आरोपी प्यारेलाल लोधी निवासी मीरापुर, उसके बेटे धर्मेंद्र कुमार लोधी, दामाद कमलेश कुमार लोधी निवासी इस्कुरी खागा को लाडलेपुर प्रतीक्षालय के पास से बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से मृतक का मोबाइल, 250 रुपये, हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी और चाकू और कमलेश के पास से एक तमंचा मिला है।
मृतक गणेश बटाईदार प्यारेलाल की पत्नी पर गलत नीयत रखता था। बटाईदार के परिवार में करीब 15 दिन पहले एक शादी थी। जिसमें गणेश ने बटाईदार के परिवार के एक महिला के साथ छेड़खानी की थी।
इसी खुन्नस में उसने हत्या की योजना बनाई थी। हत्याकांड की शाम धर्मेंद्र ने फोन करके गणेश को ट्यूबवेल पर बुलाया। गणेश ट्यूबवेल पर पहुंचा, तो मौके पर कोई नहीं था। कोठरी में ताला लगा हुुआ था।
यह देेखकर गणेश घर जाने लगा। करीब 200 मीटर दूरी पर पुलिया के पास तीनों आरोपी घात लगाकर बैठे थे। सबसे पहले धर्मेंद्र ने कुल्हाड़ी से गणेश पर हमला किया। तो वह रोड पर गिर गया।
इसके बाद तीनों उसे खेत में घसीटकर ले गए। जहां धर्मेंद्र ने फिर कुल्हाड़ी से हमला किया। गणेश के सुस्त पड़ जाने पर उसकी छाती पर प्यारेलाल बैठ गया।
चाकू से गणेश के शरीर पर ताबड़तोड़ वार किए। इस दौरान कमलेश गणेश को दबाए रहा। प्यारेलाल और गणेश के बीच आलू की फसल के लेनदेन को लेकर भी कुछ दिन पहले विवाद हुआ था। यह भी विवाद हत्या के पीछे कहीं न कहीं रहा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुल्हाड़ी और चाकू से चोट के करीब 23 घाव मिले हैं। 14 जगहों पर चाकू मारी गई है। वहीं कुल्हाड़ी के नौ चोट सामने आईं हैं। हत्यारोपी प्यारेलाल ने अंतिम दम तक दामाद और बेटे को बचाने की कोशिश की। दामाद से पुलिस ने पूछताछ की तो मामला सारा खुलकर सामने आ गया।
यह था घटनाक्रम
शाहपुर निवासी गणेश मोदनवाल मिठाई दुकानदार थे। वह रविवार शाम दुकान से घर पहुंचे थे। अचानक फोन आने के बाद वह साइकिल से खेत चले गए थे। रात करीब नौ बजे फोन न मिलने पर उनका बड़ा बेटा भैयालाल पिता की खोजबीन में खेत की तरफ पहुंचा था। उसे रास्ते में पिता की साइकिल और जलती टार्च चकरोड पर पड़ी मिली थी। वहां से करीब 20 फिट दूर गणेश का रक्तरंजित शव पड़ा था।
भागने में छूटा अंगोछा, जूता
मृतक का बेटा भैयालाल बाइक से पिता की खोजबीन करने के लिए खेत की ओर जा रहा था। हत्यारोपी घटनास्थल में इस दौरान मौजूद थे। उन लोगों को बाइक की रोशनी दिखी थी। तो जल्दबाजी में प्यारेलाल का जूता और अंगोछा छूट गया था।