वीडियो वायरल होने पर पी.सी .एफ. के धान खरीद केंद्रों की खुली पोल दो कर्मचारी भेजे गए जेल।– राजेश यादव

पूर्व सचिव राजेंद्र सिंह यादव और वर्तमान सचिव त्रिभुवन मौर्य सलाखों के पीछे।

 

थरियाँव। रिटायर्ड होने के बाद भी भ्रष्टाचार में लिप्त सचिव ने नहीं छोड़ी कुर्सी। अधिकारियों की बनी रही मेहरबानी।

घोटाले को लेकर सुर्खियों में रहने वाली साधन सहकारी समितियां/ कोऑपरेटिव विभाग हमेशा सुर्खियों में रहा है। धान खरीद को लेकर भले ही सरकार तमाम प्रकार के प्रतिबंध लगाने की डींग हांक रही हो किंतु सरकार के अनेको आदेश निर्देशों को पलीता लगाने में सहकारी समिति के सचिव/ केंद्र प्रभारी ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं।

हस्वा विकासखंड के रामपुर थरियांव कस्बे में संचालित सीतापुर साधन सहकारी समिति में पी.सी.एफ. द्वारा द्वारा धान खरीद केंद्र बनाया गया। लगभग दो माह में धान की कटौती को लेकर मंडल आयुक्त सहित जिले के आलाधिकारियों ने धान क्रय केंद्र का निरीक्षण किया। मंडलायुक्त के निरीक्षण में अनेकों बिंदुओं पर यह स्पष्ट हो गया था कि क्रय केंद्र पर बड़े पैमाने पर बिचौलिया हावी हैं। और एक गैर जिम्मेदार व्यक्ति की उपस्थिति में धान खरीद का कार्य संचालित किया जा रहा है। जिसको देखते हुए मंडलायुक्त ने लगभग 8 बिंदुओं पर जवाब तलब किया था। केंद्र पर उपस्थित पी.सी.एफ. प्रबंधक रोहित कुमार गुप्ता को आदेश किया था कि एक सप्ताह के अंदर जवाब दें किंतु भ्रष्टाचार के चलते मंडलायुक्त का आदेश भी बौना नजर आया। धान खरीद केंद्र पर व्यापारियों के हावी होने की शिकायत भी लगभग 10 से 15 किसानों ने सह निबंधक राम नयन सिंह से किया था। जिसको लेकर किसानों को मिला तो सिर्फ आश्वासन। ऐसे में कैसे किसानों के साथ पारदर्शिता हो। किसानों के लिए चिंता का सबब बना हुआ था। धान खरीद में जिम्मेदार अधिकारी भी मानो ऐसे देख रहे थे जैसे बराबर की हिस्सेदारी हो। साधन सहकारी समिति सीतापुर में पूर्व में भी किसानों के पैसे अभी तक बकाया हैं। जिनको लेकर आज भी समिति के चक्कर लगा रहे हैं। समिति स्तर पर लगभग 10 से 12000 कुंतल धान खरीद हो चुकी है। लगभग एक तिहाई किसान आज भी पैसा पाने के लिए समिति और बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। औरैया मजरे अचिंन्तपुर पिटाई के किसान ननकवा ने टोकन के अनुसार 17 नवंबर को समित पर मंसूरी धान डाला था। धान डालने के उपरांत 21 तारीख को धान का कांटा कराया गया। धान कांटा कराने के उपरांत किसान से डेड सो रुपए प्रति कुंतल या 10% कटौती लेकर ऑनलाइन खरीद चढ़ाने की बात की गई। जिस पर किसान ने कटौती न देने की बात कहते हुए बराबर लगभग 10 दिनों तक साधन सहकारी समिति सीतापुर के सचिव त्रिभुवन लाल मौर्य के चक्कर लगाते रहे। किंतु जब तक कटौती का पैसा नहीं दिया गया समिति के सचिव ने ऑनलाइन खरीद नही चढ़ाई। बीते दिनों के दौरान किसान ने अनेकों अधिकारियों को जरिए फोन शिकायत करता रहा लेकिन मिला तो सिर्फ गोल- मोल जवाब। थके हारे किसान ने जब जाना कि अधिकारियों से अब न्याय नहीं मिल पाएगा तो समिति के पूर्व सचिव राजेंद्र सिंह यादव को ₹7000 देते हुए धान चढ़ाने की बात कही और मोबाइल से पैसा लेते देते वीडियो भी रिकॉर्ड किया। इतने रुपए पाने के बावजूद पूरा धान ऑनलाइन खरीद में नहीं चढ़ाया गया। किसान ननकवा सिह ने जब जाना कि थोड़े ही धान का पैसा खाते में आया है बाकी पूरे 92 कुंटल का धान का पैसा खाते में नहीं आया। तो वर्तमान सचिव त्रिभुवन लाल मौर्य से जरिए टेलीफोन संपर्क किया तब सचिव ने उपरोक्त किसान को मिलने की बात कही। और जैसे ही किसान ने समिति आकर धान चढ़ाने के लिए कहा वैसे ही सचिव ने फिर पैसे की मांग कर बैठे। तब बाकी बचे रुपए देने के बाद ही पूरी ऑनलाइन खरीद चढ़ाने की बात की गई। इस बात को भी किसान ने मोबाइल के द्वारा वीडियो शूट किया।

कौन है राजेंद्र सिंह यादव जो देखते थे धान का कारोबार।

राजेंद्र सिंह यादव पुत्र दलबीर सिंह यादव निवासी महुआ पोस्ट -ताखा, जनपद -इटावा के निवासी हैं जो प्रजेंट समय में कानपुर नया शिवली रोड में मकान बनाकर रह रहे हैं। राजेंद्र सिंह यादव साधन सहकारी समिति सीतापुर में लगभग 20 वर्षों से सचिव के पद पर तैनात थे पिछले लगभग 1 वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके थे। सेवानिवृत्ति के बाद भी साधन सहकारी समिति सीतापुर में भ्रष्टाचार की कमान संभाले हुए थे। लगभग 20 वर्षों में अपने कारनामे को लेकर सुर्खियों में रहते थे। बीते 15 दिन पूर्व मंडलायुक्त के निरीक्षण के दौरान भी सही जवाब न देने पर मंडलायुक्त ने राजेंद्र सिंह के खिलाफ f.i.r. करने के आदेश दिए थे। किंतु जिला प्रबंधक पी .सी. एफ .व सहनिबंधक रामनयन सिह का कमाऊ पूत होने के नाते किसी ने f.i.r. करने की हिम्मत नहीं की। वर्तमान समय में समिति के बोर्ड ने गेहूं और धान खरीद में सहयोग के रूप में रिटायरमेंट कर्मचारी को रखा हुआ था जो भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया गया।

त्रिभुवन मौर्य के पास दो समितियों का चार्ज है। क्षेत्रीय सहकारी समिति बहरामपुर व साधन सहकारी समिति सीतापुर। सीतापुर समिति में धान खरीद केंद्र है जबकि क्षेत्रीय सहकारी समिति बहरामपुर में मात्र उर्वरक वितरण ही होता है। बोर्ड की उदासीनता के चलते त्रिभुवन मौर्य कार्य करने में अव्यवस्थित है और उन्हें पता था कि एक न एक दिन राजेंद्र यादव के चलते बड़ी घटना से निपटना पड़ेगा। और वह अनहोनी होकर ही रही।

अब कैसे होगी धान खरीद किसान लगा रहा समिति के चक्कर। क्या बोले सह निबंधक।

दोनों कर्मचारियों के जेल जाने से अब किसानों की समस्याओं का अंबार खड़ा हो गया है। जिन किसानों का टोकन था अब उनको कैसे इनकी धान की कैसे खरीद हो पाएगी। यह किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या हो कर खड़ी हो गई है। आज भी पूरा दिन किसान टोकन व्यवस्था के तहत समित पर आए और गेट बंद होते ही बैरंग वापस लौट गए। अब ऐसे में कैसे किसानों के धान की तौल हो पाएगी किसानों की मुसीबत घटने का नाम नहीं ले रही हैं। इस संबंध में जब सह निबंधक राम नयन सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि साधन सहकारी समिति सीतापुर में धान खरीद केंद्र को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है अब वहां पर किसी भी किसान की धान खरीद नहीं हो पाएगी। पहले जितनी खरीद हो चुकी है पूरे धान की डिलीवरी कराई जाएगी यदि धान की शॉर्टेज पाई जाती है तो केंद्र प्रभारी के खिलाफ रिकवरी के आदेश दिए जाएंगे अनेकों बिंदुओं पर जांच होना अभी बाकी है जांच करने के उपरांत नया कर्मचारी नियुक्त किया जाएगा।

कैसे मिलेंगे तेरा हजार पांच सौ रुपए कोई सही जवाब देने को तैयार नहीं है।

किसान ननकवा सिंह ने बताया कि मैंने जिले के खाद्य विपणन अधिकारी से अपने₹13500 के विषय में बात किया तो उन्होंने बताया कि यह पुलिस द्वारा मिलेगा पुलिस द्वारा कैसे मिलेगा यह संशय का विषय बना हुआ है।

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