दिसंबर का महीना बीतने वाला है, पर अभी तक आधे से ज्यादा छात्र-छात्राओं को ड्रेस,स्वेटर, जूता-मोजा नसीब नहीं* –फहीम भारतीय

 

*बांदा : उन्हें विद्यालयों में इस भीषण सर्दी में कंपकपाना पड़ रहा है। 2.32 लाख बच्चों में 90 हजार के खातों में राशि पहुंची है। जबकि 70 हजार बच्चों की कागजी प्रक्रिया पूरी कर शासन को भेजी गई है। करीब 50 हजार बच्चों के खाते व अन्य त्रुटियां होने से उनका पैसा अटक गया है।शासन ने बच्चों की ड्रेस, जूता-मोजा, बैग आदि के वितरण में पारदर्शिता के लिए इस वर्ष डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) योजना शुरू की है। अक्टूबर माह में ही सरकार ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को बच्चों के अभिभावकों के खातों को आधार से लिक कराकर डीबीटी कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन जिले में इसमें जमकर लापरवाही की गई। दिसंबर का आधा से ज्यादा समय बीत गया और कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। लेकिन 60 फीसद से ज्यादा बच्चे अभी स्वेटर,-जूता-मोजा और ड्रेस से वंचित हैं। वही फटे-पुराने ड्रेस व चप्पलों के साथ विद्यालय पहुंच रहे हैं। विद्यालयों में कक्षों के अंदर उन्हें सर्दी से डिगडिगाते देखा जा सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग के पटल प्रभारी सूर्य प्रकाश ने बताया कि जनपद में दो लाख 32 हजार बच्चों को डीबीटी के जरिए प्रति छात्र 1100-1100 रुपए उनके अभिभावकों के खातों में भेजे जाने हैं। पहले चरण में नवंबर माह में 90419 अभिभावकों के खातों में ड्रेस व स्वेटर आदि की धनराशि भेज दी गई है। दूसरे चरण में 70 हजार 239 बच्चों के अभिभावकों के डीबीटी की प्रक्रिया पूरी कर शासन को भेजी गई है। वहां से जल्द ही धनराशि खातों में ट्रांसफर हो जाएगी। इसके अलावा करीब 53 हजार 378 बच्चे ऐसे हैं, जिनके अभिभावकों के खाते आधार से लिक नहीं हैं या फिर कई अन्य खामियां हैं। इससे इनके खातों में डीबीटी नहीं हो पा रही है।

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