राजस्थान के बांसवाड़ा में अनुसूचित जाति की युवती की लज्जाभंग कर उसके कपड़े फाड़ने और मारपीट करने का मामला सामने आया है। मारपीट में घायल युवती बीते दो दिन से यहां महात्मा गांधी जिला अस्पताल में भर्ती है। पीड़ा बयां करते युवती की आंखों में आंसू भर आए। वह कहने लगी कि उसने मामले को लेकर सज्जनगढ़ थाने में शिकायत की। पुलिस के उच्चाधिकारियों को भी सूचित किया, लेकिन उसकी कोई सुनने को तैयार नहीं है। आरोपी लोग उसे गांव छोड़ने के लिए भी धमका रहे हैं। दूसरी ओर थाना पुलिस का कहना है कि अभी तक उन्हें इस मामले में लिखित शिकायत नहीं मिली है। पुलिस ने बताया कि 70 साल के बुजुर्ग चतर सिंह ने युवती के खिलाफ रास्ता रोक अभद्रता करने की शिकायत जरूर दी है, जो जांच प्रक्रिया में है।
मामला सज्जनगढ़ थाने का है, जहां क्षेत्र के एक गांव में मकान के बाहर युवती, उसकी बहन और दादी के साथ बैठी थी। युवती का आरोप है कि टांडा रत्ना निवासी शेर सिंह लबाना, चतर सिंह एवं कपिल वहां मौके पर आए। उनके हाथ में सरिया और लट्ठ थे, जो जातिगत शब्दों का प्रयोग करते हुए उसे मारने लगे। प्राइवेट पार्ट को हाथ लगाकर लज्जा भंग की और उसे घर से बाहर खींच लाए। उसके कपड़े भी फाड़ दिए। आरोपियों ने उसे मुंह में गोबर खिलाने की भी कोशिश की। मदद की पुकार सुनकर पड़ौसियों ने उसे आरोपियों से छुड़ाया। उसके भीतरी चोटें आई हैं। वह दो दिन से अस्पताल में भर्ती है। मारपीट के दौरान आरोपी यह भी कहते रहे कि तेरे पिता पुलिस अधिकारियों से हमारे खिलाफ शिकायत करता है। तूझे गांव में नहीं रहने देंगे।
दोनों पक्षों में जमीन को लेकर विवाद है। लड़की के पिता के नाम सरकारी जमीन है जिसको लेकर उनके बीच विवाद चल रहा है। आरोपियों ने जमीन के एक हिस्से में मकान बना लिया है।
सज्जनगढ़ थानाधिकारी रूपलाल ने बताया कि पीड़िता की ओर से उन्हें लिखित में रिपोर्ट नहीं मिली है। उल्टा 70 साल के चतर सिंह ने एक शिकायत एक दिन पहले दी है, जिसमें बताया कि वह दूध लेकर लौट रहे थे। तभी युवती ने रास्ता रोक उनसे अभद्रता की। मामला जांच में रखा गया है।