यूपी के लखनऊ में एक किसान के खाते में मात्र 1983 रुपये थे। भूलवश किसान का डेबिट कार्ड बैंक के सर्वर से लिंक हो गया। जिसके बाद दम्पति के खाते में अचानक से लाखों रुपये आ गए थे। इस बात की जानकारी मिलते ही किसान और उसकी पत्नी ने आनन-फानन में खाते में आए रुपयों से शाहखर्ची करना शुरू कर दिया। गाड़ी खरीदने के साथ ही लाखों रुपये के गहने बनवा डाले। इस बीच बैंक को गलती का पता चल गया। जिसके बाद किसान के खाते में जमा 41 लाख रुपये फ्रिज कर दिए गए। बंथरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी दम्पति को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से सात लाख रुपये बरामद किए हैं।
इंस्पेक्टर अजय प्रताप सिंह के मुताबिक उन्नाव कंचनपुर निवासी करण शर्मा का खाता सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में है। करण के खाते में 17 दिसंबर को मात्र 1983 रुपये थे। इस बीच उसका डेबिट कार्ड बैंक के सर्वर से लिंक हो गया। खाते में रुपये न होने के बावजूद 19 दिसंबर से उसने खरीदारी करते समय कार्ड से भुगतान किया। तो खाते में पड़ी रकम से अधिक का भुगतान हो गया। इसके बाद करण ने लगातार खरीदारी करने लगा। पति को अचानक से नया सामान लाते देख पत्नी आंचल सिंह ने पूछताछ की। जिस पर करण ने खाते में लाखों रुपये आने की बात कही। इतना सुनते ही आंचल ने पति से गाड़ी और जेवर खरीदने की मांग कर डाली। पत्नी के अरमान पूरे करने के लिए करण ने भी गलती से बैंक अकाउंट में आए रुपये खर्च करना शुरू कर दिया था।
आई पांच दिन बाद बैंक को सुध
19 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच में करण व आंचल सिंह ने डेविड कार्ड के जरिए बैंक के 76 लाख 20 हजार रुपये की खरीदारी की थी। आरोपियों ने बैंक से निकाले गये रुपये में से 15.71 लाख रुपये की कार, 18.50 लाख रुपये जेवरात, पांच लाख रुपये के मोबाइल फोन के साथ ही कटिया बगिया स्थित पेट्रोल पंप पर कार्ड स्वैप कराते हुए दो लाख रुपये निकाले थे। करीब पांच दिन करण और आंचल बैंक की गलती का फायदा उठाते हुए रुपये निकालते रहे। पांच दिन बाद सेंट्रल बैंक मैनेजर को इसका पता चला। जिसके बाद करण का अकाउंट फ्रिज करते हुए 41 लाख रुपये रोके गए। साथ ही बंथरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। जिसके आधार पर पुलिस ने कटिबगिया के पास से करण और आंचल को गिरफ्तार कर लिया।