छापे पर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के फ्लैट से मिला 1.13 करोड़ का सोना

 

बिहार के पटना में अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने जिस एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजेश कुमार को गिरफ्तार किया है, वो भ्रष्टाचार के रास्ते पर चलकर करोड़पति बन गया। सरकारी नौकरी करते हुए इन्होंने इतनी काली कमाई की है कि जिसकी कल्पना कोई नहीं कर सकता है। रंगे हाथ पकड़ने के बाद निगरानी की टीम ने कंकड़बाग स्थित नूतन टावर के A-2 ब्लॉक में इनके फ्लैट को पूरी तरह से खंगाल दिया।

इसमें 2 किलो 380 ग्राम सोना बरामद हुआ। सोने के 10 बिस्किट और 18 सोने के सिक्के शामिल हैं। बाजार भाव के हिसाब से बरामद सोने कीमत को जानने के लिए मौके पर वैल्यूवर को बुलाया गया। जिसके बाद जो सोने की कीमत सामने आई, उसे जान कर सभी होश उड़ गए। बरामद किए गए सोने की कुल कीमत 1.13 करोड़ रुपए आंकी गई है।

किया घर, दुकान और कंपनी में बड़ा इंवेस्टमेंट
सुबह-सुबह इंजीनियर को ट्रैप करने के बाद शाम होते-होते निगरानी की टीम ने राजेश कुमार की पूरी कुंडली ही खंगाल दी। नूतन टावर के A-2 ब्लॉक में इनके 2 फ्लैट हैं। पहला फ्लैट 109 फर्स्ट फ्लोर पर तो दूसरा 410 फोर्थ फ्लोर पर है। परिवार के साथ एग्जीक्यूटिव इंजीनियर फर्स्ट फ्लोर के फ्लैट में रहते हैं। जबकि, रिश्वत के 8 लाख रुपए इन्होंने फोर्थ फ्लोर के फ्लैट में लिया था। निगरानी मुख्यालय के अनुसार राजेश ने गुड़गांव में 5 मंजिला बिल्डिंग बना रखी है। नोएडा के एक कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 2 दुकान भी खरीद रखी है। 

इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश इंजीनियर इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी भी बड़ी रकम इंवेस्ट की है। जमीन के 5 डीड भी फ्लैट से बरामद किए गए है। 3 लाख रुपया कैश फ्लैट से बरामद हुआ है। अलग-अलग बैंकों के 16 पासबुक मिले, जिसमें करीब 27 लाख रुपया जमा है। म्यूच्यूअल फंड में भी इन्होंने 3.5 लाख का इंवेस्टमेंट कर रखा है। इन सब के अलावा एक्सिस बैंक में एक लॉकर मिला है, जिसे निगरानी की टीम जल्द ही खंगालेगी।

सामने आ गई 10 परसेंट के चक्कर में  असलियत
राजेश कुमार भवन निर्माण विभाग में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं और वर्तमान में इनकी पोस्टिंग पटना हाईकोर्ट में है। पटना में ही सरिस्ताबाद के रहने वाले ठेकेदार गोपाल शरण सिंह ने हाईकोर्ट में डेंटिंग-पेंटिंग, लकड़ी और टाइल्स का काम किया था। इस काम का सरकारी ठेका 80 लाख रुपए का था। ठेकेदार ने अपना काम कर दिया। लेकिन, उसका बिल लटक गया।

आरोप है कि इस बिल को पास करने के लिए ठेकेदार से एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजेश कुमार ने 10 परसेंट यानी 8 लाख रुपए की डिमांड की थी। इस मामले में 24 दिसंबर को ठेकेदार ने निगरानी मुख्यालय में कंप्लेन की0 थी। इसके बाद ही जांच कर कार्रवाई की जिम्मेवारी डीएसपी सुरेंद्र कुमार महुआर को दी गई थी। इसके बाद उनकी टीम ने मंगलवार सुबह-सुबह उनके ऊपर शिकंजा कस दिया।

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