*पीसी पटेल जनसेवक की शिकायत पर रविवार को कैरी व साथी गांव पहुंचे जिलाधिकारी अनुराग पटेल*–फहीम भारतीय

समाजसेवी पीसी पटेल जनसेवक ने शानिवार को ढाई लाख रुपए की लागत से बिसंडा ब्लॉक के कैरी गांव में बने पसुबाड़े में पहुंचे थे रोज दर्जनों जानवरों की भूख व ठंढ से मरने की सूचना मिल रही थी जैसे समाजसेवी पसुबाड़े पहुंचे तो गांव के दर्जनों लोग आ गए सभी लोगों ने देखा कि 8 जानवर मरे पड़े हैं पसुबाड़े में कोई भी कर्मचारी नही था तत्काल जनसेवक ने खण्ड़ विकास अधिकारी बिसंडा को सूचित किया लेकिन bdo साहब के द्वारा कोई कदम नही उठाया गया तभी जनसेवक जी ने देखा कि दूसरे तरफ जिन्दा गायों को कुत्ते कौवे आदि खा रहे है व कुछ छोटे जानवर जिंदा तड़प रहे हैं तभी जनसेवक ने मुख्यचिकित्सा पशु अधिकारी बाँदा को सूचना दी 1 घण्टे में डॉक्टर पहुंचे व डॉक्टरों ने इलाज करने के बाद बताया कि जानवरों को कोई बीमारी नही है यह शिर्फ़ भूख व ठंढ से मर रहे है समाजसेवी ने जिसकी शिकायत जिलाधिकारी बाँदा से की थी आज रविवार को जिलाधिकारी श्रीमान अनुराग पटेल, मुख विकास अधिकारी ,उपजिलाधिकारी बबेरु , मुख्यचिकित्सा पसु अधिकारी , खण्ड विकास अधिकारी सहित जनपद के दर्जनों अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी अनुराग पटेल कैरी गांव पहुंचे वही मौजूद समाजसेवी पीसी पटेल जनसेवक व ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को हकीकत से रूबरू करवाया अधिकारियों की आने की सूचना पर तुरंत सचिव ने अपने चहेतों से सभी मरे हुए जानवरों को पैरा पुवाल में छिपवा दिया। तभी पीसी पटेल ने मौके पर भूख ठंढ से मरे हुए 6 जानवरों को पैरा पुवाल से बाहर निकाल कर अधिकारियों को दिखाया तभी सचिव अंकित अवस्थी ने अधिकारियों व ग्रामीणों के सामने समाजसेवी से अभद्रता की जिस पर जिलाप्रशासन ने सख्त कार्यवाही करने की बात की जिलाधिकारी को समाजसेवी नवबताया कि कुछ दिनों पूर्व हमने साथी गांव में भूख व ठंढ से मर रहे पशुबाड़े की शिकायत किया था तो सचिव अंकित अवस्थी व ग्राम प्रधान साथी उमेश प्रताप ने साँठ गांठ करके साथी गांव में बने पसुबाड़े को तुड़वा कर पीसी पटेल को फर्जी केस में फंसाने की योजना बनाई लेकिन जनसेवक सूचना हो जाने पर यह योजना सफल नहीं हुई इस योजना की जानकारी जैसे जिलाधिकारी को हुई तो तत्काल जनसेवक को लेकर साथी गांव के पसुबाड़े व पूर्व में किये गए विकास कार्यों की हकीकत को जानने के लिए कैरी गांव व साथी पहुंचे जहाँ दर्जनों लोगों ने बताया कि जिस जिस सचिव अंकित जी है हर जगह अपनी मनमानी व ग्रामीणों का उत्पीड़न के साथ साथ भ्र्ष्टाचार कर रहे है जब कोई आवाज उठाता है तो उसकी आवाज़ को दबाने के हर सम्भव अपना प्रभाव व बल दिखाते हैं।

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