6 की उम्र में परिवार से बिछड़ी बच्ची मिली 10 साल बाद माता-पिता से 

 

एमपी के भोपाल में नववर्ष में फिर 8 बच्चों कोअपना परिवार मिल गया। ये बच्चे कुछ सालों से अपने परिवार से बिछड़ गए। इसमें दो बच्चे महाराष्ट्र के 1 छत्तीसगढ़ और पांच बच्चे भोपाल के ही हैं। भोपाल के पांच बच्चे नित्य सेवा बाल गृह में रह रहे थे। कानूनी उलझनों के चलते परिवार में नहीं जा पा रहे थे।

बाल कल्याण समिति के प्रयासों के बाद बच्चोें के परिजनों को सौंपा गया। खास बात यह है कि इनमें से कुछ केस में बच्चों की धुंधली यादें काम आई तो किसी के बोलने के अंदाज से पता चला कि वह किस राज्य का है। बस यहीं से उनके अपनों का पता चल गया।

6 साल की उम्र में  पहुंची पंजाब  

6 साल की उम्र में एक बच्ची भटकते हुए पंजाब पहुंच गई थी। उसे धुंधली याद थी कि वह स्टेशन के पास रहती थी। इसके बाद पंजाब बाल कल्याण समिति ने भोपाल बाल कल्याण समिति से संपर्क कर उसे भोपाल भेज दिया। परिजनों को ढूंढने के लिए चाइल्ड लाइन की मदद ली गई।

किशोरी को लेकर चाइल्ड लाइन चांदबड़ लेकर पहुंची। तो पता चला बेटी के माता-पिता महाराष्ट्र शिफ्ट हो गए हैं। इसके बाद चाइल्ड लाइन ने वहां की पुलिस से कोआर्डिनेट कर किशोरी के माता-पिता को सूचना दी गई। इसके बाद माता-पिता भोपाल पहुंचे। किशोरी 10 साल बाद परिवार से मिलने के बाद भावुक हो गई।

मां के मोबाइल न देने पर घर से  भागा

भोपाल में एक होटल में काम कर रहे किशोर को बाल कल्याण समिति ने रेस्क्यू किया। वह 3 साल पहले नागपुर से भाग आया था। उसने भोपाल में आधार कार्ड बनवाया, जिसमें उसने माता-पिता को मरा हुआ बताया। मामले में रेलवे चाइल्ड लाइन ने काउंसलिंग। बातचीत में उसकी टोन मराठी थी।

इसे देखते हुए समिति ने महाराष्ट्र बाल कल्याण समिति से संपर्क किया। महाराष्ट्र की समिति ने किशोर की फोटो पुलिस के ग्रुप में डाली। तो नागपुर पुलिस ने गुमशुदगी के विषय में बताया। इसके बाद पुलिस उसकी मां को लेकर भोपाल पहुंचे। पता चला कि मां ने मोबाइल नहीं दिला पाई इसलिए वह गुस्से में घर से भाग गया था।

पसंद नहीं थी रोक-टाेक 

इसलिए घर से भागे थे ये बच्चे, बाल कल्याण समिति द्वारा परिवार को सौंपे गए 5 बच्चों की काउंसलिंग के दौरान अलग कहानी सामने आई। एक बच्चा अपने घर इसलिए नहीं जाना चाहता था क्योंकि उसके घर में टीवी नहीं था। उसे बाल गृह में टीवी देखने मिलता था। वहीं अन्य बच्चा बाल गृह के दोस्त को बिछड़ना नहीं चाहता था। उसका कहना था कि वह अपने दोस्त के साथ ही रहना चाहता है। वहीं तीन बच्चों के पैरेंट्स ज्यादा रोक-टोक करते थे उन्हें यह पसंद नहीं था।

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