चल रहा है सेहत के नाम पर जहरीला खेल,हो रहा है टोमैटो सॉस-टॉफी, फास्ट फूड में प्रतिबंधित कलर्स का इस्तेमाल जो पहुंचा सकता है आपके लिवर को नुकसान
तमाम दावों और कार्रवाई के बावजूद देश में हर तरफ कई तरह के फूड आइटम्स में प्रतिबंधित रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कहीं पर सामने हो रहा है तो कोई अंदरखाने कर रहा है। ऐसे में खुद ही सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। यह लिवर को नुकसान पहुंचाने के अलावा कैंसर को जन्म दे सकते हैं। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि जिन्हें हम छोटी-मोटी मिलावट समझकर नजर-अंदाज कर देते हैं, वह कई बड़ी बीमारियों का कारण बन सकती है।
कैचप और टोमैटो सॉस बन रहे मीठा जहर
नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में एडिशनल डायरेक्टर डॉ. आशुतोष सिन्हा बताते हैं कि आर्टिफिशियल कलर्स वाले फूड में रसायन होते हैं। इन्हें खाने की खूबसूरती व टेस्ट को और बनाए रखने या सुधारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, ताकि इन रंगों को देखकर लोगों में खाने की चाहत पैदा हो। अधिकांश फास्ट फूड और जंक फूड के खोमचों में टोमैटो सॉस और कैचप के नाम पर लोगों को केवल रंग और शुगर घोलकर खिलाया जाता है। सिंथेटिक कलर के अलावा बेसन और मैदा का इस्तेमाल कर सॉस भी तैयार किया जाता है।
कोल्ड ड्रिंक्स की बात करें तो इसमें आर्टिफिशियल केरामेल कलर होता है। इसमें अमोनिया की प्रक्रिया से निकला एक केमिकल भी होता है। ये दोनों ही केमिकल कैंसर की वजह हो सकते हैं। वहीं स्वीटनर्स केमिकल प्रक्रिया के जरिए बनाए जाते हैं। कई वैज्ञानिकों का दावा है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर से निकलने वाला केमिकल ब्रेन ट्यूमर का कारण बन सकता है।
है बच्चों में गुस्से की वजह आर्टिफिशियल कलर
दिल्ली में साइकोलॉजिस्ट डॉ. योगिता कादयान बताती हैं कि आर्टिफिशियल कलर वाले फूड से बच्चों में एडीएचडी जैसे व्यवहार संबंधी विकार के पैदा होने का डर रहता है। इन दिनों अमेरिका में अब लोग बच्चों के खाने से आर्टिफिशियल कलर्स हटाने का समर्थन करने लगे हैं। वहां 2023 से इसके लागू होने की उम्मीद है। लेकिन देश में अभी तक इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। आप केवल बच्चों की डाइट में बदलाव करने के कुछ सप्ताह के अंदर बेहतर नतीजे सामने आ सकते हैं।
रखें पेरेंट्स इन बातों का ध्यान
डॉ. आशुतोष सिन्हा बताते हैं कि जब भी बच्चे के भोजन में कोई नई डिश जोड़ें तो उन्हें इससे सेहत के लिए होने वाले फायदों के बारे में बताएं। जैसे, अगर आपने बच्चे को गाजर दिया है, तो बताएं कि यह आंखों के लिए फायदेमंद है। या कहें कि चॉकलेट और नूडल्स हेल्थ के लिए नुकसानदायक है।
तभी वह बचपन से हेल्दी खाना खाने पर ध्यान देगा। वहीं, जब पेरेंट्स हेल्दी फूड्स को हां और जंक फूड्स को न कहेंगे, तभी बच्चा आपको देखकर सीखेगा। लंच या डीनर के लिए एकसाथ रेस्टोरेंट में जाते वक्त बच्चे को समझाएं कि अनहेल्दी फूड आप भी नहीं खा रहे हैं। जब बच्चा चॉकलेट ऑफर करें तो उसे बताएं कि फल या कोई हेल्दी फूड ऑफर करना सबसे बेस्ट है। बच्चों को प्रोटीन, कार्ब्स और फाइबर पर अधिक जोर दें।