30 से 40 की उम्र में युवाओं का हो रहा है बीमार दिल, सामने आए चौंकाने वाले तथ्य 

 

यूपी  कानपुर । कम उम्र में करियर संवारने का दबाव युवाओं के दिल को बीमार बना रहा है। अपने व माता पिता के सपनों को साकार करने के लिए युवा बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल कर ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है। इससे वह तनाव, अवसाद व हाइपरटेंशन की गिरफ्त में आ कर अपने दिल के साथ दगा कर रहा है। अनियमित जीवन शैली और दिन रात कंप्यूटर व लैपटाप पर अपनी आंखों को गड़ाए रखने से युवा दिल की विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहा है।

लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में आने वाले दिल के मरीजों में 20 से 30 प्रतिशत युवा हैं, जिनकी उम्र 30 से 40 वर्ष तक है। इस आंकड़े से विशेषज्ञ हैरान हैं। विगत पांच वर्षों में दिल की बीमारी के इलाज के लिए संस्थान में आने वाले युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। दस वर्ष पहले जहां कुल मरीजों में पांच फीसद युवाओं की संख्या होती थी वहीं, पिछले पांच वर्ष में यह संख्या 20 से 30 फीसद तक पहुंच गई है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की चाह हो या आफिस में पदोन्नति लेकर आगे बढऩे की होड़,युवा दिन रात कड़ी मेहनत कर रहा है। इसमें वह पर्याप्त नींद भी नहीं ले पा रहा है,जो तनाव का बड़ा कारण है। इसके अलावा न के बराबर शारीरिक श्रम करना भी उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। मोबाइल फोन पर चौबीसों घंटे लगे रहना भी युवाओं को बीमार बना रहा है।

तनाव व अवसाद के दर्द से निजात पाने के लिए कई युवक नशा लेने लगते हैं। इससे स्थिति और भी भयावह हो जाती है।

विशेषज्ञ कहते हैं कि इस स्थिति से निपटने में योगासन व व्यायाम रामबाण साबित हो सकते हैं। प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट योग करने से दिल की सभी बीमारियों व तनाव एवं अवसाद से बचा जा सकता है।

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