जब दो दो कौड़ी के आदमी देश के प्रधानमंत्री को गालियां देते हैं — अवधेश कुमार दुबे
उनकी कब्र खोदने के नारे लगा सकते हैं !*
*गांव से महिलाओं को ट्रैक्टर में बिठाकर दिल्ली बार्डर पर मोदी को गालियां दिलवा सकते हैं!*
*तो हम अपने विचार रखने में क्यों हिचकें।देश मेरा भी है।जिन के कारण और जिनको घोर कष्ट हो रहा है ,वो सब भी हमारे आत्मीयजन हैं।*
*सरकारें आती जाती रहती हैं । 9-10 महीने से सुन सुन कर कान पक गए,किसान,किसान,किसान,*
*देश का अन्नदाता है, पालनहार है।*
*किसान खेती नहीं करेगा तो देश भूखा मर जायेगा।*
*हां है,बिल्कुल है अन्नदाता ….*
*पर ऐसे तो जो भी जो व्यक्ति कार्य करता है उसकी आवश्यकता होती है, डॉक्टर डाक्टरी ना करे, मास्टर मास्टरी ना करे,टेलर कपड़े ना सिले,सिपाही देश की रक्षा ना करे……… अनगिनत कार्य है ।*
*कोई मुझे ईमानदारी से बतायेगा कि यदि किसान खेती नहीं करेगा तो किसान का परिवार बचेगा?उसके परिवार का लालन पालन हो जायेगा?*
*उसके बच्चों की फीस कपड़े दवाई सब कहां से आयेगा ? कपड़े कहाँ से लाएगा, अन्य आवश्यकता की वस्तुएँ कहाँ से लाएगा?*
*मानते हैं वो कड़ी मेहनत करके अन्न उगाता है तो क्या मुफ्त में बांटता है*? *बदले में उसका मूल्य नहीं लेता क्या?फिर वह दुनिया का पालनहार कैसे माना जाये ?*
*दुनिया का हर व्यक्ति रोजगार करके चार पैसे कमा कर अपना परिवार पालता है।और प्रत्येक कार्य का अपनी जगह अपना महत्व है ..।*
*तो किसान का रोजगार है खेती करना। सच्चाई तो ये है उन्हे खेती के अलावा और कुछ आता ही नहीं,और जिन्होंने कुछ सीख लिया कुछ अच्छा कमा लिया उन्होंने खेती करनी ही छोड़ दी।कोई आढत की दुकानदारी करता है,तो कोई प्रोपर्टी का धन्धा करता है,तो कोई हीरो होन्डा आदि की ऐजेन्सी लिये बैठा है,तो कोई रोड़ी बदरपुर सीमेंट ही बेच रहा है।*
*और नहीं तो मुर्गा फार्म खोले बैठा है यानि सबसीडी के चक्कर में जोहड़ में मछली ही पाल रहा है।उन्हें क्या किसान कहेंगे?*
*36 प्रकार की सबसिडी किसानों को मिल रही है!*
*6000 बार – बार खाते में में आ रहे हैं,माता पिता पैन्शन ले रहे हैं,आये गये साल कर्जे माफ करा लेते हैं !*
*फिर कहते हैं मोदी तेरी कब्र खुदेगी। किसी रिक्शा वाले की,किसी ऑटो वाले की,किसी नाई की,किसी दर्जी की,किसी लुहार की,किसी साइकिल पन्चर लगाने वाले की,किसी रेहड़ी वाले की,ऐसे न जाने कितने छोटे रोजगारों की कोई सबसिडी आई है आज तक?*
*किसी का कर्जा माफ हुआ है आज तक? क्या ये लोग इस देश के वासी नही हैं?*
*कल को ये भी आन्दोलन करके कहेंगे देश के पालनहार हम ही हैं।*
*रही बात MSP की 😀😀 कल हलवाई कहेंगे सरकार हमारे समोसे की एम एस पी 50 रुपये निश्चित करो।चाहे उसमें सड़े हुए आलु भरें।हमारे सब बिकने चाहियें।नहीं बिके तो सरकार खरीदे,चाहे सूअरों को खिलाये।हमें समोसे की कीमत मिलनी चाहिए ।*
*परसों बिरयानी वाले कहेंगे एक प्लेट बिरयानी 90 रुपये एम एस पी रखो चाहे सब बिकनी चाहिये।*
*जो नहीं बिके उसे खट्टर और दुष्यंत खरीदें और पैसे सीधे हमारे खाते में जमा हों।*
*यह सब तमाशा नहीं तो क्या हो रहा हैं ! दिल्ली में जो त्राहि त्राहि हो रही है,ना दूध पहुंच रहा है,ना सब्जी पहुंच रही है,ना कर्मचारी समय पर पहुंच पा रहे हैं उनकी यह दशा बनाने का क्या अधिकार है इन तथाकथित किसानों का? आज इन कथित किसानों की मांग की तीनों कानूनों के वापस लेने तक हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे अब कानून वापस ले लिए गए है तो अब जब तक हमारी अन्य मांगे न मानी जाएगी तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा । इनका ये आंदोलन किसी किसान के हित को लेकर ना पहले था ना आने वाले दिनों में दिखेगा इनका एक मात्र स्पष्ट इरादा है राष्ट्रवादी सरकार को गिराना घेरना जिनसे इन्हे मिल रहे राजनैतिक दलों की मंशा पूर्ण हो और विदेशो से देश को अस्थिर कर विदेशी फंड हासिल कर देश में अराजक माहोल बनाना है जिससे भारत की बढ़ती साख को गिराया जा सके और इनके इस आंदोलन में वर्तमान विपक्ष कांग्रेस वामी और आपिए जैसे छुटपुट दल पूर्ण सहयोग कर रहे है जो देश के लिए घातक सिद्ध होगी !*
*सत्य कड़वा होता है पंजाब वाले घेराव करें अपने मन्त्रियों का और हरियाणा वाले अपने मन्त्रियों का* *अपनी माँगो के लिए राज्य सरकार के द्वारा केन्द्र सरकार पर दवाब बनाये!*
*दिल्ली को घेर कर आम आदमी को क्यों परेशान किया जा रहा है ?*