आज 5 दिसंबर 2022 को पंजाब में भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री मोदी जी की गाड़ियों को फ्लाई ओवर पर ग्रामीणों द्वारा भीड़ लगाकर रोक दिए जाने के संदर्भ में टीवी चैनल और सोशल मिडिया पर एक शब्द छा गया है कि *पीएम की सुरक्षा में चूक हुई*
भाईयो अगर कोई बयालीस 42 बोले और लिखने वाला 46 छायालीस लिख ले तो इसको सुनने में चूक माना जा सकता है क्योंकि दोनो शब्द मिलते जुलते है।लेकिन 42 बयालीस सुनकर कोई 50 पचास लिख दे तो ये चूक मानी जाएगी या जानबूझकर गलत लिखा माना जाएगा ?
जब किसी राज्य का साधारण मंत्री तक किसी सड़क मार्ग से जाता है तो रास्ते में राज्य सरकार का pilot वाहन, रास्ते में पड़ने वाले हर थाने की पुलिस 5 घंटे पहले से सतर्क रहती है कि रास्ते में कोई ट्रक , गाड़ी खराब होकर न खड़ा हो, बड़े पत्थर न पड़े हो, किसी भी तरह की रुकावट न हो। NH या SH सड़को पर पुलिस कंट्रोल रूम से लगातार पूरे मार्ग की जानकारी लगातार हर मिनट ली जाती है।
तो फिर।हजारों ग्रामीणों द्वारा अचानक योजना बनाकर pm मोदी जी का रास्ता रोक लेना, ये सुरक्षा में चूक कदापि नही है , बल्कि ये मोदी जी की हत्या या किसी अन्य बड़ी आपराधिका घटना करवाने का षड्यंत्र था जिसको मिडिया *चूक* शब्द का उपयोग करके ढांकने का प्रयत्न कर रही है।राज्य सरकार प्रशासन की अनुमति, जानकारी , सहयोग के बिना ये षड्यंत्र संभव है ही नही।इसलिए।हिंदु आज की घटना के लिए चूक शब्द का उपयोग मत कीजिए।
बल्कि लिखिए कि
*पंजाब कांग्रेस सरकार द्वारा मोदी के प्रति आपराधिक षड्यंत्र*
इसलिए
कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर एक अंजाने से ईसाई आदमी चन्नी को cm बनाया गया है।।