यूपी के मुजफ्फरनगर चरथावल सीट से टिकट कटने पर बसपा नेता अरशद राणा शहर कोतवाली में फूट-फूटकर रो पड़े। आरोप लगाया कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को दो वर्ष पहले टिकट के लिए 67 लाख रुपए दिए थे। लेकिन उन्हे विश्वास में लिए बगैर उनका टिकट काट दिया गया। उनके रुपए भी वापस नहीं किए गए। चेतावनी दी कि यदि उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह आत्मदाह करेंगे।
चरथावल विधानसभा क्षेत्र के गांव दधेड़ु निवासी अरशद राणा काफी दिनों से बसपा में सक्रिय हैं। जिला पंचायत सदस्य पद पर उनकी पत्नी ने बसपा के सिंबल पर चुनाव भी लड़ा था। अरशद राणा गौड़ काफी दिनों से बसपा से चरथावल सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। एक दिन पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चरथावल विधानसभा सीट से पार्टी ने सलमान सईद को प्रत्याशी बनाया है।
दिया बसपा ने पूर्व मंत्री के बेटे को टिकट
सलमान सईद प्रदेश के पूर्व गृह राज्यमंत्री सईदुज्जमां के बेटे तथा कांग्रेस नेता हैं। सलमान सईद को चरथावल से बसपा का टिकट दिए जाने की घोषणा से आहत अरशद राणा ने पहले फेसबुक पर अपनी व्यथा लिखी। इसमें उन्होंने टिकट न मिलने से आहत होने की बात कहते बसपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। साथ ही आत्मदाह करने तक की धमकी तक दी।
व्यथित अरशद राणा यहीं नहीं रुके और अपने समर्थकों के साथ शहर कोतवाली जा पहुंचे। शहर कोतवाली में उन्होंने तहरीर देकर आरोप लगाया कि एक वरिष्ठ बसपा नेता चरथावल सीट से पार्टी का टिकट दिलाने के एवज में उनसे 67 लाख रुपए लिए थे। अरशद राणा ने बसपा नेता से 67 लाख रुपए वापस दिलाने और उन पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने उनका तमाशा बना दिया। बंद कमरे मे बैठकर उन्हें विश्वास में लेकर टिकट दूसरे को दे देते तो उन्हें इतनी तकलीफ न होती। शहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक आनंद देव मिश्रा का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जांच उपरांत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मामले में बसपा जिलाध्यक्ष सतीश रवी का कहना है कि अरशद राणा का क्या मामला है उन्हें नहीं मालूम। उन्होंने कहा कि अरशद राणा पार्टी में हैं या नहीं यह भी साफ नहीं है। उन पर पार्टी संगठन की और से कोई जिम्मेदारी भी नहीं है। ऐसे में इस पूरे मामले पर उनको कुछ भी नहीं पता है।