बांदा : जिले में दवाओं का अवैध कारोबार किस कदर फैला है, इसकी बानगी शहर के खाईंपार मोहल्ले में देखने को मिली। यहां एक महिला के आवास से डेढ़ लाख की दवाएं बरामद हुई। औषधि सुरक्षा विभाग ने दवाओं को कब्जे में लेकर नमूने जांच के लिए भेजे हैं। आशंका है कि राठ का दवा कारोबारी बिना लाइसेंस अवैध ढंग से कारोबार करता था। उसके पास शहर के एक नामी फर्म के बिल भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। पकड़े गए कारोबारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है।
औषधि निरीक्षक श्रीकांत गुप्ता ने ने बताया कि शहर के खाईंपार मोहल्ले में रिया उर्फ रीनू पुत्री समशुल निशा के मकान में दबिश दी गई। यहां पर एक कमरे में अवैध ढंग से रखी डेढ लाख रुपये की दवाएं बरामद की। पता चला ये दवाएं राठ (हमीरपुर) निवासी धीरेंद्र सिंह पुत्र गुलाब सिंह की हैं। वह बिना लाइसेंस कई सालों से चोरी-छिपे दवाओं का कारोबार करता था। उसके पास औषधियों से संबंधी जो क्रय पत्र मिले हैं, वह लगभग दो वर्ष पहले बायोथिक्स लाइफ साइंस हरियाणा से मेसर्स शिवशक्ति मेडिकल एजेंसी (बबेरू रोड, बांदा) के थे। अलग-अलग तिथियों इनवाइस नंबर से बिल कटे हुए धीरेंद्र ने वाट्सएप पर दिखाए। जबकि शिवशक्ति एजेंसी बबेरू रोड में स्थित है। इसके औषधियों के बिल इसके पास कैसे मिले, इसकी विवेचना की जा रही है। निरीक्षक ने बताया कि एक लाइसेंस धाकर उसी जगह पर प्रतिष्ठान को संचालित कर सकता है, जहां का लाइसेंस अनुमोदित है। मौके पर दवाओं के नमूने लिए गए। इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला लखनऊ भेजे जा रहे हैं। जब्त की गई दवाओं को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर इन दवाओं को सुरक्षा में रखा गया है। औषधि निरीक्षक ने बताया कि नकली व अवैध दवाओं की बिक्री पर निगाह रखी जा रही है। यदि मेडिकल स्टोर में इस तरह की कमियां मिलीं तो कार्रवाई की जाएगी।