बुनियादी सुविधाओं के लाभ की तलाश में परिवार सहित भटक रहा दिव्यांग
पेंशन, आवास, शौचालय जैसी योजनाओं का नहीं मिल सका लाभ
फतेहपुर। शासन की योजनाओं के लाभ पाने की तलाश में दिव्यांग परिवार दुधमुंही बच्ची सहित दर-दर भटकने को मजबूर है। निर्धनों, गरीबों दिव्यांगों के लिए शासन की ढेरों योजनाओं होने के बाद भी ज़मीनी स्तर पर आज भी वास्तविक लाभार्थी इन योजनाओं के लाभ मिलने से अछूते है। मंगलवार को गाजीपुर थाना क्षेत्र निवासी दिव्यांग नसीम अपनी पत्नी काली व चार बेटियों अफसाना 12 वर्ष, मुस्कान 8 वर्ष महक 2 वर्ष व दो माह की दुधमुंही बच्ची नेहा सहित सरकारी योजनाओं के न मिलने की शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी की चौखट पर आया था। जहां जिलाधिकारी के न मिलने पर एक बार फ़िर से मायूस होकर लौटने पर मजबूर हो गया। दोनों पैरों से पूरी तरह दिव्यांग नसीम लकड़ी के टुकड़ों व पुरानी बैरिंग को जोड़कर बनाई गई गाड़ी के सहारे कलक्ट्रेट पहुंचे नसीम ने बताया कि बार-बार प्रयास करने के बाद भी उसे दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन, आवास एवं शौचालय योजना तक का लाभ नहीं मिल सका। योजनाओं का लाभ न मिलने से परिवार भीषण ठंड में फूस व पन्नी टट्टर के सहारे जीवन गुजरने को मजबूर है। बताया कि दिव्यांग होने की वजह से परिवार सहित एक जगह से दूसरी जगह भीख मांगकर किसी तरह गुजारा करता है। आवदेन के बावजूद उसका नाम योजनाओं में सम्मिलित नहीं किया गया। बताया कि उसका व पत्नी काली का आधार कार्ड व अन्य जरूरी वस्तुएं खो जाने के बाद उसे और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज़ों के न होने का हवाला देकर उसे योजनाओं का लाभ नहीं मिलने में दिक्कत हो रही है। जिसे दोबारा बनवाने के लिए उसे तरह तरह की प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद भी सफलता नहीं मिली। उंन्होने ग्राम प्रधान के पत्र व आधार के आवदेन दिखाते हुए बताया कि वह सभी पढ़े लिखे नहीं है। ज़रूरी कागज़ होने के बाद भी केंद्रों में आधार कार्ड बनाने की जगह उसे लौटा दिया जाता है। हर जगह से बार-बार लौटाए जाने से आहत होकर परिवार मदद की आस में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा था लेकिन अशिक्षित होने की वजह से कोई शिकायती पत्र तक नहीं दे सका। जिलाधिकारी के बाहर होने की वजह से एक बार फिर से वापस लौटने को मजबूर हो गया।