लोकतंत्र के हर उत्सव की गवाह हैं 103 साल की रामदुलारी

खागा/फतेहपुर। भारत में सामान्यतः आम चुनाव पांच वर्षों में एक बार होने की एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसमें मतदान करना देश के सभी नागरिकों का संविधान प्रदत्त अपने मौलिक अधिकारों में से एक है। यूँ कहें कि चुनाव मतदाताओं के लिए एक तरह से लोकतंत्र का उत्सव है।
देश के पांच राज्यों सहित उत्तर प्रदेश में भी इसी चुनाव का बिगुल फुंक चुका है। उसी लोकतांत्रिक पर्व को मनाने के लिए जनपद में मतदान चौथे राउंड में होना घोषित हुआ है। जनपद में करीब 850 मतदाता ऐसे भी हैं, जिनकी उम्र सौ साल या उससे भी अधिक हैं। खास बात यह है कि ऐसे मतदाता जिले की छः विधानसभाओ में सबसे ज्यादा हुसैनगंज विधानसभा में हैं जिनकी संख्या 123 है। हुसैनगंज विधानसभा की कोरका ग्राम पंचायत निवासी रामदुलारी पत्नी श्यामलाल राजपूत की उम्र 103 साल बताई जा रही हैं। हालांकि इनका आधार कार्ड नहीं बना है। परिजनों ने बताया कि इनका फिंगर प्रिंट न आने और कुछ तकनीकी कारण से नहीं बन पाया। महिला ने बताया कि आजादी के बाद से अब तक वह सभी चुनावों की गवाह हैं। उन्होंने बताया कि हम देश के बटवारे के बाद के दौर से गुजरे हैं और तब से अब तक बदले हुए नजारे को भी देखा है। बकौल रामदुलारी आजादी के बाद नेहरू सहित उस वक्त के अन्य राजनेताओं के अंदर गुजरे हुए दौर की झलक दिखाई पड़ती थीं। उन सभी का बलिदान या त्याग आज के समय में नेताओं में नहीं दिखता। रामदुलारी ने आज के हालातों पर कहा कि उसे आज तक कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला, न वृद्धा पेंशन, न राशनकार्ड और न ही आवास मिला है। मैं ज्यादा कुछ न कहकर बनने वाली सरकार से यही गुजारिश करूंगी कि किसी भी योजना का लाभ सही पात्र लाभार्थियों को बिना भेदभाव के मिलना चाहिए।

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