फिर फैलाई बांह, 22 वी बार रक्तदान

फतेहपुर। जिंदगी तो सब जीते हैं, लेकिन असल लुत्फ वही उठाता है जो इसे जीना जानते हैं। यह वह लोग हैं, जिन्हें सामाजिक सरोकार के मौकों की तलाश रहती है। इनका मकसद दूसरों की बुझती आशा को उम्मीदों की लौ दिखाना रहता है।
पेशे से शिक्षक ध्रुव कुमार, वर्ष 2010 से रक्तदान करने वालों की फेहरिस्त में शामिल हुए थे। तब से लगातार रक्तदान करने की मुहिम के सारथी बने हुए हैं। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में 22 मर्तबा रक्तदान कर रहे ध्रुव कहते हैं कि रक्तदान के लिए जरूरी नहीं कि इसे सिर्फ आपके किसी परिचित को ही जरूरत हो। रक्त का हर कतरा, सामजिक सरोकार का हिस्सा मानते हुए इसके लिए आगे आना चाहिए। रक्तदाता का सह आचार्य डॉ. मेधा मिश्र ने सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मान किया।

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