21 साल की अविवाहित मां ने  घर में डिलीवरी के बाद 12 फीट ऊंचे मकान से 2 घंटे की बच्ची को पॉलिथीन में डालकर कूड़े में फेंका

 

हरियाणा शहर के शिवनगर में 3 दिन पहले कूड़े के ढेर में 2 घंटे की बच्ची को फेकने वाली अविवाहित लड़की ने बताया कि प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के कारण वह प्रेग्नेंट हो गई। उसने घर में ही बच्ची को जन्म दिया और उसके बाद नवजात को पॉलिथीन में डालकर अपने मकान की 12 फीट ऊंची छत से नीचे कूड़े के ढेर में फेंक दिया।

बने थे फैक्ट्री में काम करते हुए युवक से संबंध

लड़की के अनुसार, वह मूल रूप से मेरठ की रहने वाली है और इस समय शिवनगर में रहती है। वह तकरीबन सालभर पहले फैक्ट्री में काम करने के दौरान 22 साल के एक लड़के के संपर्क में आई। दोनाें एक-दूसरे को पसंद करने लगे। वह कई बार उस लड़के के कमरे पर गई जहां दोनों ने शारीरिक संबंध बनाए। इसी दौरान वह गर्भवती हो गई। प्रेग्नेंट होने के बाद वह 9 महीने तक अपने परिवार के साथ रही और घर पर ही नॉर्मल डिलीवरी से बच्ची को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची बिल्कुल स्वस्थ थी जिसे उसने कूड़े के ढेर पर फेंक दिया।

बच्ची को कुत्ते नोंच रहे थे
तीन दिन पहले, 17 जनवरी की सुबह तकरीबन साढ़े 10 बजे शिवनगर में कूड़े के ढेर में पॉलीथिन में एक बच्ची रोती हुई मिली। डॉक्टर ने चेक किया तो बच्ची के शरीर पर कई जगह दांत गड़े हुए मिले। निशान से ऐसा लग रहा था मानो बच्ची को कुत्तों ने काटा हो। लावारिस बच्ची मिलने के बाद नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्ष सविता आर्य ने उसकी मां को तलाश करने का जिम्मा उठाया।

नहीं दिखा  सीसीटीवी कैमरों में कुछ

सविता आर्य ने बताया कि 17 जनवरी की सुबह बच्ची मिलने की सूचना के बाद वह शिवनगर पहुंची। उसी समय उन्होंने बच्ची के मां-बाप का पता लगाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने तीन दिन तक शिवनगर एरिया में रोजाना 5-5 घंटे लगाकर घटनास्थल के आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में उन्हें कूड़े के ढेर के पास न कोई आता दिखा और न जाता।

  कोर्डवर्ड से मिला क्लू
सविता आर्य के अनुसार, गुरुवार दोपहर शिवनगर एरिया की एक महिला ने उन्हें कॉल किया और इस केस में कुछ बताने की इच्छा जताई। वह 10 मिनट में वहां पहुंच गई। महिला ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि जब कूड़े के ढेर के पास कोई नजर नहीं आया तो क्या बच्ची आसमान से गिरी है। सविता आर्य को महिला की इसी बात से क्लू मिल गया। वह कूड़े के ढेर से लगे मकान की छत पर पहुंची जहां सिर्फ एक कमरा बना था।

कमरे में मौजूद लड़की ने अपनी उम्र 21 साल बताई और कहा कि वह फैक्ट्री में काम करती है। मगर 10 दिन से तबीयत खराब होने के कारण काम पर नहीं जा रही। जब उससे इलाज के कागज मांगे गए तो लड़की ने डॉक्टरों की कुछ पर्चियां दिखाईं। उन्हीं में गर्भावस्था के दौरान किए गए अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे की रिपोर्ट भी थी। जब सख्ती से पूछा गया तो लड़की ने बच्ची को जन्म देकर लावारिस फेंकने की बात कबूल कर ली।

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