फतेहपुर। न्यूज़ वाणी नफीस जाफ़री शहर के स्टेश रोड़ स्थित 1008 भगवान ने भिनाथ दिगम्बर जैन पंचवटी मंदिर मे जैन धर्माव लम्बियों द्वारा धर्म के प्रवर्तक/24 वें तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म जयन्ती समारोह बड़े ही धूमधाम से सम्पन्न हुआ। इस दौरान अनुयायियों ने भगवान महावीर के बताये रास्ते (अहिंसा) पर चलने का संकल्प दोहराते हुए विभिन्न कार्यक्रम अयोजित किये। बताते चले कि गुरूवार को जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर भगवान महावीर के जन्मोत्सव व समारोह को लेकर जैन धर्मावलम्बी खासे उत्साहित थे। महावीर जयन्ती को लेकर श्री मन्दिर जी का दुल्हन की तरह सजाया गया था। गुरूवार को सर्व प्रथम सुबह से ही श्री मंदिर जी मे अनुयायिओं का तांता लगा रहा तत्पश्चात प्रातः सर्व प्रथम जितेन्द्र भगवान की प्रतिमाओं का अभिषेक सहित महावीर स्वामी की प्रतिमाका पंचाभिषेक किया गया। तत्पश्चात पूजन, हवन, कीर्तन, नृत्य आदि किये गये। दोपहर को श्री मंदिर जी मे एक विचार गोष्ठी आयोजित की गयी जिसमे माहवीर स्वामी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए नरेन्द्र चन्द्र जैन व आनन्द जैन ने संयुक्त रूप से कहा कि भगवान महावीर का जन्म लगभग 600 सौ ईशा वर्ष पूर्व चैत्य शुक्ल त्रैयोदशी के दिन वैशाली नगर के राजा सिद्धार्थ के घर हुआ था उनकी माता का नाम रानी विशला था उन्होने कहा कि महावीर स्वामी के बचपन का नाम वर्धमान था तथा वह बचपन से तेजस्वी थे। उन्होनें महज 19 वर्ष की आयु मे ही वैराग्य धारण कर लिया था। देवेन्द्र जैन व दीपक जैन ने कहा कि महावीर ने कहा कि जीवों पर दया करो जिओ और जीनो दो आदि का संदेश देकर अहिंसा का सर्वोपरि धर्म बताया था। विचार गोष्ठी के उपरांत के समाज के देवेन्द्र जैन व आशा जैन के नेतृत्व मे जिला चिकित्सालय मे भर्ती मरीजों को जैन समुदाय के लोगों ने फल वितरित किये तथा संध्या के समय 101 दीपकों से महावीर स्वामी की महाआरती आयोजित की गयी तथा भजन व नृत्य प्रस्तुत किये गये। इस मौके पर शान्ती जैन, प्रीती जैन, पप्पन जैन, सीमा जैन, प्रेमा जैन, अल्का जैन, सरला जैन, रीना, पूजा, स्वाती, विजय, पप्पू जैन, कुल्दीप जैन आदि मौजूद रहे।