नियमों को ताक में रखकर फर्राटा भर रहे ओवर लोड ट्रैक्टर ट्राला – चालकों के पास नहीं होता ड्राइविंग लाइसेंस व परमिट – आंख मूंदे बैठा दो जिलों का प्रशासन

 

फतेहपुर। बहुआ कस्बे के प्रताप नगर में सुबह होते ही बेरोजगारों की भीड़ एकत्रित होने लगती है। धीरे-धीरे यहां भारी संख्या में ट्रैक्टर और उनमें लगे ट्रक के आकार के बड़े-बड़े ट्राले इकट्ठा हो जाते हैं। फिर यहां एक ऐसी मंडी सजती है, जिसका न तो सरकार के पास कोई आंकड़ा है और न ही प्रशासन के पास कोई लेखा-जोखा है। यहां से तीन जनपदों के लिए मकान बनने वाले ईंटों की भारी मात्रा में सप्लाई होती होती है।
मकान निर्माण के लिए प्रयोग होने वाले ईंट उद्योग की बड़ी मंडी यहां है। यहां से बुंदेलखंड की ओर भारी मात्रा में ईंटों की सप्लाई होती है। बुंदेलखंड की काली मिट्टी होने के कारण यहां ईंट का निर्माण नहीं होता। इसका सीधा फायदा बहुआ में बने ईंट भट्ठे वालों को होता है। यहां पर अधिकतर ड्राइवर बिना लाइसेंस के ट्रैक्टर चलाते हैं। किसी भी ट्रैक्टर के पास कॉमर्शियल का परमिट नहीं रहता। ट्रैक्टर चलाने वाले बहुत से ऐसे ड्राइवर होते हैं जो नाबालिग होते हैं। बीते दो साल के अंतराल में करीब 10 लोगों की ओवर लोड ट्रैक्टर-ट्राले से मौत हो चुकी है। इनमें कुछ ऐसी घटनाएं भी घटित हुई हैं जिनमें एक साथ कई-कई लोगों की मौत हो गई थी। ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रालों से हो रही दुर्घटनों को लेकर शुक्रवार को पत्रकार संघ के अध्यक्ष की ओर से आईजी रेंज प्रयागराज सहित अन्य जगहों पर एक ट्वीट किया गया था जिसे आईजी रेंज ने संज्ञान लिया था। इस संबंध में जिले के एआरटीओ, प्रवर्तन, प्रथम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर कृषि कार्य में आता है, लेकिन जो लोग व्यवसायिक दृष्टि से चलाते हैं उनका रजिस्ट्रेशन किया जाता है। जो रजिस्ट्रेशन होता है वह ईंटों की संख्या के हिसाब से नहीं होता। किसी भी गाड़ी को ओवरलोड चलाने का आदेश नहीं है।

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