बता दे कि ज्यादातर लोगों में कोरोना वायरस के दौरान खांसी, सर्दी, थकान और बुखार जैसे लक्षण देखे गए हैं, लेकिन अब एक बड़ी आबादी वायरस से संक्रमित होने के बाद बैक पेन यानी कमर और पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत कर रही है।
कोविड एक्सपर्ट और एशियाई आयुर्विज्ञान संस्थान, फरीदाबाद के डॉक्टर चारू दत्त अरोड़ा के अनुसार, बैक पेन (पीठ और कमर दर्द) कोविड-19 के सबसे आम लक्षणों में से एक है, लेकिन लोग मानते हैं कि कोरोना सांस की बीमारी है और सिर्फ फेफड़ों को संक्रमित करती है।
हुई संक्रमितों को बैक पेन की समस्या
डॉक्टर चारू दत्त अरोड़ा के अनुसार, पश्चिमी देशों की रिसर्च में पाया गया कि 63% डेल्टा से संक्रमित मरीजों को बैक पेन हुआ।
42% ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों ने पीठ या कमर दर्द की शिकायत बताई।
कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान लोगों ने शरीर के 3 जगह सिर, पीठ का निचला हिस्सा और मांसपेशियों में दर्द होने की बात कही है। मांसपेशियों में दर्द ज्यादातर घुटने के आसपास वाले एरिया में होता है।
कोरोना में क्यों होता है लोअर बैक पेन
कोरोना वायरस साइटोकाइन्स हार्मोन को एक्टिव करता है।
साइटोकाइन्स का नेचर प्रो इंफ्लामेटरी होता है।
इसका मतलब है साइटोकाइन्स के ज्यादा रिलीज होने से कोशिकाओं में सूजन बढ़ने लगती है।
साइटोकाइन्स प्रोस्टाग्लैंडीन (E2) बनाता है।
प्रोस्टाग्लैंडीन दिमाग में दर्द का सिग्नल देता है, इसकी वजह से शरीर में दर्द होता है।
हमे बैक पेन से राहत पाने के लिए क्या करना चाहिए?
डॉ. अरोड़ा के अनुसार, जिन मरीजों को संक्रमण के दौरान और ठीक होने के बाद भी लगातार बैक पेन की समस्या रहती है उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज करवाना चाहिए। जब तक दर्द से राहत न मिले, तब तक किसी भी तरीके का एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।
डॉक्टर अरोड़ा के अनुसार, हमें कोरोना से रिकवर होने के बाद स्टेप-लैडर पैटर्न को फॉलो करना चाहिए।
हर 2 हफ्ते में हमें अपनी फिजिकल एक्टिविटी को 30% बढ़ाना चाहिए। अगर आप कोविड से पहले 100 कदम की एक्टिविटी कर रहे थे, तो आपको रिकवर होने के बाद 30 कदम से शुरुआत करनी चाहिए। फिर इसे 2 हफ्ते के बाद बढ़ाकर 60 और अगले 2 हफ्ते के बाद 90 कर देना चाहिए।