रोज़गार व अन्ना मवेशियों की समस्याएं बनी विपक्ष का मुख्य चुनावी मुद्दा लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर सत्ताधारी दल को घेरने में जुटा विपक्ष

फ़तेहपुर। विधान सभा चुनाव में भाजपा जहां एक बार सुशासन, कोरोना काल मे किये गये कार्य, राम मंदिर, हिंदुत्व समेत अन्य मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान मे है वही समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल भाजपा सरकार की नाकामी, क्षेत्र के विकास में लापरवाही बरतने, अन्ना मवेशियों की समस्याओ को लेकर सत्ताधारी दल को घेरने में जुटा हुआ है ज्वलंत समस्या व जनहित मुद्दों को उठाने से सत्ताधारी दलों के नेताओ व समर्थकों को अपने प्रत्याशियो के लिये वोट मांगने जाने में असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। जनपद के लिये रोज़गार व अन्ना मवेशी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। कहने के लिये जनपद में 40 गौशालाएं बनाई गई हैं जिसमे 12088 गौवंश आश्रय पा रहे है लेकिन जनपद में अन्ना मवेशियों की सँख्या इससे कई गुना है। गोशालाओ में रहने वाले मवेशियों को बेहतर सुविधाओ के बड़े-बड़े दावे की पड़ताल करने पर गौवंशों की स्थिति दुख दाई दिखाई देती है। सर्दी ,गर्मी, बरसात में खुले आसमान के नीचे रह रहे मवेशियों को भरपेट भोजन नहीं मिल रहा। गौशालाएं खोलने के बावजूद पूरे जिले में जिस तरह से आवारा पशुओं ने उत्पात मचा रखा है उससे किसान तो किसान शहरी लोग भी परेशान हैं। नगरों की हालत और भी खराब है जहां सड़कों पर अन्ना जानवरो का कब्ज़ा है। वही ग्रामीण इलाकों में रात-रात भर जाग कर किसान अपने खेतों की रखवाली करने पर मजबूर है। किसान आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए अधिकारियों से लेकर नेताओं तक की गुहार लगा रहा है लेकिन। उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। वही जनपद में औद्योगिक क्षेत्र मलवां व चौडगरा में बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बन्द होने से जनपद में रोज़गार के अवसर लगातार घट रहे है। विधान सभा चुनाव में नेताओ के सामने आम जन इन समस्याओं को रखकर निजात के लिये कारगर उपाय तलाश रहा है। बात करे 2017 के विधानसभा चुनाव की इस चुंनाव मे भाजपा गठबंधन ने जनपद में क्लीन स्वीप करते हुए सभी 6 सींटो पर जीत हासिल की थी जिसमे भाजपा ने 5 व गठबंधन से अपना दल ने एक सीट हासिल की थी। चुंनाव के बाद बहुमत से बनी भाजपा सरकार में हुसैनगंज विधायक राणवेंद्र प्रताप धुन्नी सिंह व सहयोगी दल अपना दल के जहानाबाद विधायक जय कुमार जैकी राज्यमन्त्री के पद पर आसीन रहे जबकि सदर से विक्रम सिंह, अयाह शाह विधान सभा से विकास गुप्ता, खागा सुरक्षित सीट से कृष्णा पासवान, बिंदकी विधानसभा से करन सिंह विधायक बने। वादों और इरादों के बल पर प्रदेश में भाजपा गठबन्धन की पूर्ण बहुमत की सरकार सत्ता में काबिज हुई लेकिन जिन वादों इरादों के साथ भारतीय जनता पार्टी आमजन के बीच पहुंची थी सत्ता मिलने के बाद पांच वर्ष तक वादे पूरा करने की कोशिश ही की जाती रही। महंगाई, रोजगार एव आवारा जानवरों की समस्या से जूझ रहे लोगो को विपक्षी दलो की बाते ऊर्जा देने का काम कर रही है। अन्ना मवेशियों की समस्याओ से शायद ही प्रदेश का कोई जनपद अछूता हो। एक तरफ अन्ना मवेशी सड़को पर विचरण कर रहे है दूसरी तरफ गौशालाओं में व्याप्त अव्यवस्थाओं के चलते गौशाला पशुओं की कब्रगाह बनती जा रही है। विधान सभा चुनाव में सपा बसपा व कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार रोज़गार व अन्ना मवेशियों की समस्याओ पर लगातार सत्ता को घेरते नज़र आ रहे है। अन्ना मवेशियों की समस्याओ  व रोज़गार न मिलने के मुद्दे पर भाजपा बैकफुट पर दिखती है और बचाओ में बेहतर कानून व्यवस्था बनाने, मुफ्त राशन, समेत अन्य योजनाओ से को उपलब्धिया बताकर लगातार चुनावी मैदान में डटी हुई है। विधान सभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है जनपद में नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने जहानाबाद व बिंदकी विधानसभा में प्रत्याशियों में परिवर्तन किया है। बिंदकी विधानसभा से विधायक करण सिंह पटेल का टिकट काटकर अपना दल (एस) को दी गयी। जहा से राज्यमन्त्री जय कुमार जैकी मैदान में है। जहानाबाद विधानसभा से भाजपा ने पूर्व मंत्री राजेंद्र पटेल को चुनाव मैदान में भाजपा ने उतारा है जबकि फतेहपुर सदर, हुसैनगंज, अयाह शाह तथा खागा में भाजपा ने अपने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया सोच ईमानदार, काम दमदार की थीम पर भाजपा इस बार भले ही चुनाव मैदान में है सुशासन और लोकहितकारी योजनाओं का हवाला दिया जा रहा है लेकिन जनपद में स्थानीय मुद्दे भी हावी है। जमीनी हकीकत में मतदाताओं के बीच पहुंचने वाले भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को आमजन के सवालों का जवाब तो देना ही पड़ेगा। अन्ना मवेशियों की समस्या से जूझ रहे किसानों को वोट मांगने वाले नेता आखिर किस तरह समझा पायेगें यह तो समय बताएगा वही जानकारों की माने तो अन्ना मवेशियों की समस्या चुंनाव में विपक्ष के लिये बड़ा मुद्दा है जबकि बेरोज़गारी ऐसे मुद्दा है जिसको भुनाने में विपक्ष पीछे नही रहता। अन्ना पशुओं व बेरोज़गारी के दोनों ही ज्वलंत मुद्दे भाजपा के लिये कहीं मुसीबत खड़ी कर दें।

Leave A Reply

Your email address will not be published.