दी जाती है ​​​​​​​हनीट्रैप के लिए लड़कियों को ट्रेनिंग, रखती हैं डॉक्टर, बिल्डर और नेताओं पर  नजर, बढ़ाती हैं मौका मिलने पर  नजदीकियां

 

 राजस्थान में ब्लैकमेलिंग के कई बड़े रैकेट में महिलाओं की मुख्य भूमिका सामने आ रही है। यह महिलाएं राजनेताओं से लेकर डॉक्टर, बिल्डर, सरकारी कर्मचारियों पर नजर रखती है।

जोधपुर में मॉडल के सुसाइड की कोशिश के मामले में जब खुलासा हुआ तो सब हैरान थे। यह गिरोह मंत्री को हनीट्रैप में फंसाना चाहता था। इसका मास्टरमाइंड अक्षत शर्मा वो ही शख्स है, जिसे इस कांड में एसओजी ने पहली बार 2017 में पकड़ा था। इसकी गिरफ्तारी के साथ ही राजस्थान के सबसे बड़े हनीट्रैप गिरोह का खुलासा हुआ था।

सामने आया कि इसमें कई लड़कियां भी शामिल थीं। कुछ वे भी थी जो हनीट्रैप के लिए ट्रेनिंग देती थी। इसके लिए खूबसूरत लड़कियों को चुना गया था।  टीम ने अक्षत शर्मा के गिरोह से जुड़ी हिस्ट्री खंगाली तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए है। अक्षत ने गर्लफ्रेंड आकांक्षा के साथ मिलकर ट्रेनिंग कैंप शुरू किया था। युवतियों को गिरोह में शामिल करता था।

  कैसे तैयार हुआ राजस्थान का सबसे बड़ा हनीट्रैप गिरोह

  शिखा तिवारी उत्तरप्रदेश के लखनऊ की रहने वाली थी। 14 सालों से जयपुर के वैशाली नगर में ही रह रही थी। शिखा मुंबई में डीजे अदा के नाम से चर्चित थी। मुंबई से जयपुर आ गई थी। जयपुर के जाने माने लोगों को अक्षत के साथ मिलकर फंसा लेती थी। करोड़ों रुपए बटोर चुकी थी। शिखा अच्छे घर की रहने वाली थी और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती थी। जयपुर में नाइट क्लब में रात को अपना शिकार तलाश करती थी। प्रोफाइल के बाद उन्हें फंसा लेती थी। उसने बहन मेघा को भी साथ में ले लिया था।

मरीज बनकर डॉक्टर के पास  पहुंची थी 
शिखा जयपुर में एक नामी डॉक्टर के पास मरीज बनकर पहुंची थी। शिखा ने डॉक्टर से दोस्ती की।   एक रिसोर्ट में डॉक्टर के साथ चली गई थी। वहां पर दोनों ने एक रात बिताई थी। शिखा ने डॉक्टर की अश्लील फोटो व वीडियो खींच लिए और ब्लैकमेल करने लग गई थी। डॉक्टर से दो करोड़ रुपए मांगे थे। डॉक्टर ने नहीं दिए तो रेप का मामला दर्ज करा दिया था। डॉक्टर को 78 दिन जेल में गुजारने पड़े थे। जेल भेजने के बाद डॉक्टर के परिजनों से डील की और एक करोड़ पांच लाख रुपए ले लिए थे। बाद में शिखा ने कोर्ट में बयान बदल दिए थे। इसके बाद डॉक्टर ने मामला दर्ज करवाया था।

लाइव अपडेट पर  मिली लोकेशन
डॉक्टर जेल जाने के बाद से काफी परेशान था। मुकदमा दर्ज करवा कर एसओजी के पास शिकायत की थी। तब एसओजी ने इस पूरे खेल का खुलासा किया था। शिखा ने ब्लैकमेलिंग के रुपए लेकर जयपुर छोड़ दिया था और मुंबई चली गई थी। वहां पर डीजे अदा के नाम से डीजे शुरू कर दिया था। एसओजी उसे तलाश कर रही थी। पुलिस को उसके बारे में कुछ पता नहीं लग रहा था। अप्रैल में उसने एक फेसबुक लाइव अपडेट किया तो उसकी लोकेशन का पता लगा। पुलिस मुंबई पहुंची तो वह एक क्लब में डीजे कर रही थी।

अक्षत गर्लफ्रेंड के साथ देता है  ट्रेनिंग
अजमेर ही रहने वाली थी। लग्जरी लाइफ जीने की चाहत ने उसे जुर्म की दुनिया में पहुंचा दिया। फ्लैट, लग्जरी गाड़ी और दौलत ने उसे ब्लैकमेलिंग गिरोह में शामिल कर दिया था। फिर ब्लैकमेलिंग गिरोह की मास्टरमाइंड बन गई। एसओजी ने पकड़ा तो सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए। ये अक्षत की गर्लफ्रेंड थी। 15 से अधिक वारदातों में शामिल रही थी।

आकांक्षा जयपुर में 2012 में एमबीए करने के बाद सिरसी रोड पर अक्षत के पड़ोस में ही एक अपार्टमेंट में रहती थी। नौकरी के लिए वह अक्षत शर्मा के संपर्क में आई थी। अक्षत उसे एक पत्रकार बनकर ही मिला था। उसे टीवी एंकर बनने के लिए झांसा दिया था। दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी। दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे। अक्षत और आकांक्षा दोनों जल्द ही अमीर होना चाहते थे। दोनों लोगों को फंसाने के लिए सुंदर लड़कियों को तलाश करने लगे थे।

सेक्स स्कैंडल में फंसाने की ट्रेनिंग
आकांक्षा ने गिरोह में एक-एक कर कई सुंदर लड़कियों को शामिल कर लिया था। गिरोह की सबसे अहम जिम्मेदारी और लोगों को फंसाने की जिम्मेदारी आकांक्षा के पास ही थी। फिर उन लड़कियों को आकांक्षा ने ही ट्रेनिंग दी थी। सेक्स के बाद शिकार के कपड़े बैडशीट को भी सेफ रखने की जिम्मेदारी दी थी। मुंबई से पकड़ी गई शिखा को भी आकांक्षा ने ही मिलवाया था। आकांक्षा ने अक्षत से डॉक्टर सुनीत सोनी को ब्लैकमेल करवाया था। आकांक्षा ने ब्लैकमेलिंग कर फ्लैट गाड़ियां खरीद ली थी। अक्षत के पकड़े जाने पर गिरोह से पहले ही जयपुर से अजमेर में फरार हो गई थी। मुंबई से पकड़ में आई शिखा ने उसकी डिटेल दी दी थी।


 2009 में झांसी की रहने वाली श्वेता पहली बार शादी के बाद कोटा आई थी। 8 साल बाद नाम राजस्थान के सबसे चर्चित केस में होने लगा था। पति के मनमुटाव के बाद अलग हो गई थी। 2015 में उसकी पहचान फिरोज से हुई और लिव इन में रहने लगी थी। उसके साथ मिलकर पैसों वाले लोगों को खोजने लगी थी। कॉल सेंटर बना लोगों को फंसाते थे। श्वेता इन्हें होटल में बुलाती और ब्लैकमेल करती थी। एक मामले में 10 लाख रुपए मांगे थे। फिरोज और उसके साथी शानू चाचा मदद करते थे। श्वेता ने पूजा को साथ लेकर कई बड़े व्यापारियों को फंसाना शुरू कर दिया था। रेस्टोरेंट में बुलाकर रेप में फंसाने की धमकी दी थी । 50 लाख रुपए मांगे। शानू सलीम, महेंद्र ने धमकी दी। व्यापारी ने रुपए नहीं दिए तो पूजा ने नाबालिग बताकर रिपोर्ट दर्ज करा दी थी।

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