मूंगफली के छिलकों से दो साल के बच्चे की सांस नली हुई बंद, फेफड़ा भी हो गया जाम, जानिए कैसे बचाई डाक्टरों ने जान 

 

फरीदाबाद में  एक ऐसा केस सामने आया जहाँ मूंगफली के छिलके सांस नली में फंसने से   दो साल के एक बच्चे की जान पर आ गई। छिलकों के कारण उसकी सांस नली अवरुद्ध हो गई। इससे सांस नली में सूजन आने के साथ ही फेफड़ा भी जाम हो गया। इससे बच्चे को दिक्कत होने लगी। बच्चा मूंगफली के दाने खाने के साथ उनके छिलके भी खाता रहा। जिससे वे सांस नली में फंस गए। इस बारे में पैरेंट्स को पता ही नहीं चला। लगातार बच्चे की हालत बिगड़ती देख परिजन तीन दिन बाद उसे फोटिस हास्पिटल ले गए। इस दौरान बच्चा बेहोशी की हालत में था।

बच्चे को डाक्टर किसी तरह होश में लाए। फिर ईएनटी एवं पीडियाट्रिक टीम ने सांस नली को देखने के लिए एक्सरे किया। इसमें पता चला कि सांस नली में मूंगफली के छिलके फंसे हुए हैं। इसके बाद 30 मिनट की कठिन ब्रोंकोस्कोपी प्रक्रिया से सांस नली में फंसे सभी छिलके निकाले गए। मरीज की अगले दिन एक और ब्रोंकोस्कोपी के बाद छुट्टी दे दी गई। कंसल्टेंट ईएनटी डॉ. अपर्णा महाजन के अनुसार यह केस काफी जटिल था क्योंकि मरीज की सांस नली में एक नहीं बल्कि कई छिलके फंसे थे।

इससे ब्रोंकोस्कोप की मदद से भी उनका पता लगाना मुश्किल हो रहा था। बच्चे का तीन दिन बाद इलाज शुरू होने से सांस नली में बहुत ज्यादा सूजन आ गई थी। इससे फेफड़े में भी दिक्कत आने से वह जाम हो गया था। इतनी सारी चुनौतियों के बावजूद अस्पताल डाक्टरों ने सफल आपरेशन कर बच्चे की जान बचा ली। डॉ. अपर्णा महाजन ने कहा कि ‘रिजिड पीडियाट्रिक ब्रोंकोस्कोपी एक अत्याधुनिक प्रक्रिया है जिसमें सांसनली में फंसे छोटे से छोटे कण को भी सटीक तरीके से देखकर निकाल लिया जाता है। डा. महाजन के अनुसार बच्चा पूरी तरह से ठीक होने के बाद उसे घर भेज दिया गया।

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