फतेहपुर । जनपद में बढ़ती चोरी की वारदातों के बाद अफसरों के खोखले दावों व पुलिस की लचर कार्यशैली से पर्दा हट गया है। एक तरफ जहां पुलिस गश्त न होने से लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे चोरों की बल्ले-बल्ले हो रही है। वहीं, दूसरी तरफ सुस्त हो चुकी पुलिस चोरों के सामने पस्त होकर रह गई है। विगत एक सप्ताह पूर्व चौक क्षेत्र में ताबड़तोड़ चोरियों की आग ठंडी न हुई थी कि अब बीती रात राधानगर चौकी क्षेत्र में चोरों ने अपना आतंक मचा दिया। नगदी व जेवरात सहित लाखों का माल पार कर दिया। पुलिस नाकामी की लकीर पीटने में लगी है। वारदातों का पर्दाफाश न होने से लोगों में दहशत का माहौल है।
यहां लोगों का माल ही नहीं खाकी का इकबाल भी दांव पर है। सवाल कई हैं जिनके बीच हकीकत यह है कि पुलिस की लापरवाही से लोगों की खून पसीने की कमाई चोरी हो रही है। पुलिस गश्त व पिकेट के दावे करती रह जाती है और चोर उसकी कवायद पर पानी फेर कर निकल जाते हैं। सवाल यह है कि पूरी मशक्कत के बाद भी चोरियों पर आखिर रोक क्यों नहीं लग पा रही है। कहीं चुनाव में पुलिस की व्यस्तता को फायदा चोर गिरोह तो नहीं उठा रहे हैं। बीते एक माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहर क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक बड़ी चोरियां हुई हैं। कार, बाइक व अन्य वाहनों की चोरी इसमें शुमार नहीं है। सूना मकान छोड़ना चोरों को दावत देने जैसा हो गया है। घर खाली मिला तो चोर ताले तोड़ कर माल पार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। बीते सप्ताह राधानगर क्षेत्र में तो इलाकाई पुलिस की लापरवाही व ढ़ीली गश्त के कारण ग्रहस्वामी की ही हत्या कर दी गयी थी तो वहीं हत्याकांड के बाद ही कुछ दिन में ही एक और चोरी ने इलाके को सांेचने पर मजबूर कर दिया था।
लोगों का कहना है कि पुलिस हत्या और लूट जैसी घटनाओं का ही खुलासा नहीं कर पा रही है। खासकर राधानगर क्षेत्र इन दिनों चोरियों का गढ़ बनता जा रहा है। वजह साफ है कि चौकी पुलिस के मुखिया और उनके नुमाइंदों की ओर से गश्त में ढ़ील बरती जा रही है। जिसका उदाहरण बीती रात्रि हुई चोरी को भी माना जा सकता है। ऐसी स्थिति में चोरी की घटनाओं का खुलासा करना पुलिस के बस से बाहर नजर आ रहा है।
*…फिर जेवरात व नगदी सहित लाखों की चोरी*
फतेहपुर। दहशतजदा शहरी आवाम की दहशत खत्म हो इसके पहले ही पुलिस की निष्क्रियता के चलते अज्ञात चोरों द्वारा चोरी की बड़ी वारदातों को अंजाम देकर न सिर्फ पुलिस के लिये चुनौती बनते जा रहे हैं। बल्कि आम जनमानस में दहशत भी व्याप्त कर रहे हैं। बीते माह राधानगर पुलिस चौकी क्षेत्र में हत्यायुक्त डकैती का खुलासा आज तक पुलिस नहीं कर सकी। जबकि पुलिस कप्तान राजेश कुमार सिंह ने तत्कालीन चौकी इंचार्ज व पुलिस कर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर नये चौकी इंचार्ज के रूप में बृजेश कुमार सिंह की तैनाती की थी। जिसके बावजूद चौकी इंचार्ज श्री सिंह द्वारा उक्त हत्यायुक्त डकैती का अभी तक खुलासा करना तो दूर आज बीती रात पश्चिमी राधानगर क्षेत्र निवासी नरपत पुत्र स्व. रामविशाल पाल के घर में धावा बोलकर लगभग दो लाख के जेवरात व सत्तर हजार रूपया नगदी चुराकर फरार हो गये। ग्रहस्वामी के अनुसार वह निमंत्रण में गये थे और उनकी नमौजूदमी में चोरों ने मुख्य द्वार का ताला तोड़कर अंदर के कमरे के ताले को तोड़कर कमरे में रखे जेवरात और नगदी चुरा ले गये। तहरीर पर चौकी प्रभारी मौका-ए-वारदात की तहकीकात कर फिर एक चुनौती पूर्ण चोरी की फाइल तैयार कर ली। काश अगर पुलिस अपने दायित्वों का निर्वाहन कर्तव्य निष्ठा के तौर पर करेे तो हत्यायुक्त डकैती ही नहीं किसी बच्चे का कोई खिलौना तक नहीं चुरा सकता। पुलिस पस्त, चोर मस्त, आम जनमानस त्रस्त।