कोरोना की तीसरी लहर, ओमिक्रॉन के खतरे के बीच पहली बार से ज्यादा पॉजिटिव हुए, 49 दिन में 537 ने तोड़ा दम

 

 

राजस्थान में कोरोना की तीनों लहर डरावनी रही। पहली वेव में जहां संक्रमितों के आंकड़ों से खौफ रहा था। दूसरी वेव में मौतों ने दहला दिया था। तीसरी वेव में ओमिक्रॉन का डर रहा। दोनों वेव की तुलना में एक माह में सबसे अधिक 3.15 लाख पॉजिटिव आए। हालांकि राहत की बात यह रही कि यह घातक नहीं रही।

तीसरी लहर में के शुरुआती 49 दिनों की रिपोर्ट की तुलना दूसरी लहर के शुरुआती दिनों से की जाए तो इस बार केस और मौत बहुत कम हुई। राज्य में एक जनवरी से 18 फरवरी तक जो संक्रमित केस आए, वह दूसरी लहर में आए केस से 43 फीसदी कम रहे हैं। वहीं, तीसरी लहर में जितनी मौत इस बार हुई, उसकी 7 गुना ज्यादा मौत दूसरी लहर में हुई थी। यही कारण रहा कि इस बार सरकार ने हॉस्पिटल की स्थिति देखते हुए न तो ज्यादा पाबंदियां लगाई और जो लगाई वो भी कुछ दिन बाद ही हटा ली।

पहली लहर में केस कम, मौत ज्यादा हुई
प्रदेश में पहली लहर की पीक का असर 2 महीने रहा। अक्टूबर-नवंबर 2020 में कुल 1 लाख 16,061 केस आए थे, जबकि इन दो महीनों में 826 मरीजों की मौत हुई थी। दिसंबर के दूसरे सप्ताह से केस कम होने लगे थे और कोरोना कंट्रोल आने लगा था। उस समय भी लोग हॉस्पिटल पहुंच रहे थे, लेकिन दूसरी लहर जैसी घातकता नहीं थी। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर की तुलना में पहली और दूसरी लहर ज्यादा डरावनी व घातक रही थी।

 

दूसरी लहर में मची मारामारी
कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल 2021 से शुरू हुई, जो 2 महीने यानी मई अंत तक रही। शुरुआती 49 दिन (एक अप्रैल से 19 मई तक) राज्य में कुल 5 लाख 56,364 लोग इस संक्रमण की चपेट में आए थे, इसमें से 4 हजार एक मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। ये तो सरकारी आंकड़े थे, जबकि माना ये जा रहा था कि कई लोग तो हॉस्पिटल भी नहीं पहुंच सके थे और घर या हॉस्पिटल लाते समय ही मर गए थे। दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट से लंग्स बुरी तरह डैमेज हो रहे थे, जिसके कारण ही ऑक्सीजन की डिमांड इतनी ज्यादा हो गई थी राज्य और केन्द्र सरकार की भी ऑक्सीजन सप्लाई देने में सांस फूल गई थी। स्थिति ये हो गई थी हर रोज राज्य में ऑक्सीजन की खपत 500 मीट्रिक टन से ज्यादा हो गई थी। ऑक्सीजन की डिमांड ज्यादा होने के कारण हॉस्पिटल 20-25 दिन तक फुल रहे और एक-एक बेड के लिए मारामारी मची हुई थी।

पहली, दूसरी और तीसरी लहर के पीक की स्थिति

पहली लहर में यूं तो मार्च 2020 से केस आने शुरू हुए जो बढ़ते क्रम में दिसंबर 2020 तक चले। इसका पीक अक्टूबर-नवंबर में आया था। इन दो महीनों में राज्य में कुल 1 लाख 16,061 केस आए, जबकि इनमें से 826 मरीजों की मौत हो गई थी।

दूसरी लहर में राज्य में 1 अप्रैल 2021 से 19 मई 2021 तक कुल 5,56,364 लोग संक्रमित हुए, जिसमें से 4401 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

कोरोना की तीसरी लहर में एक जनवरी 2021 से 18 फरवरी तक कुल 3,15,253 केस मिले, जिसमें से 537 मरीजों की मौत हो गई है।

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