एक फरियादी को मिली उसकी बेटी के सुंदर होने की सजा,आत्मदाह करने को है मजबूर पूर्व सैनिक

बिहार के पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार लगा रहे हैं। हर बार की तरह इस बार भी कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर फरियादियों की संख्या सीमित रखी गई है। फरियादियों को ऑनलाइन निबंधन करके जनता दरबार में आना है। इसके बावजूद कई फरियादी जनता दरबार के बाहर आते हैं इस उम्मीद से कि मुख्यमंत्री उनकी फरियाद सुन लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं होता है। कई फरियादियों की ऐसी कहानी है कि दिल दहल जाएगा।

लड़ रहे है बेटी के लिए 3 साल की लंबी कानूनी लड़ाई
नाथ नगर के रहने वाले विवेकानंद मंडल की पुत्री स्नेहा कुमारी बिहार पुलिस में 2013 में ज्वॉइन की थी। लेकिन जून 2019 में उनकी बेटी की मौत रहस्यमय ढंग से हो गई। अब विवेकानंद मंडल न्याय के लिए दर-दर गुहार लगा रहे हैं। जनता दरबार मुख्यमंत्री के जनता दरबार में इसलिए आए हैं कि उनकी बेटी की मौत का इंसाफ मिल सके। विवेकानंद मंडल दबी जुबान में कहते हैं कि उनकी बेटी काफी खूबसूरत थी और इसका खामियाजा उसको अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। 3 साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बावजूद अभी तक विवेकानंद मंडल को न्याय नहीं मिल पाया।गांव के दबंगों से मान गए हार
जनता दरबार के बाहर कारगिल युद्ध में लड़े पूर्व सैनिक सत्येंद्र सिंह अपनी पुश्तैनी जमीन की लड़ाई गांव में लड़ रहे हैं। सत्येंद्र सिंह ने कारगिल युद्ध की लड़ाई तो जीत ली लेकिन अपने गांव के दबंगों की लड़ाई के सामने हार मान गए। सत्येंद्र सिंह कहते हैं कि गांव के दबंग उनकी जमीन को हड़प चुके हैं। झूठे मुकदमे में उनको जेल भेज दिए थे अभी उनका एक पुत्र जेल में है। सत्येंद्र सिंह कहते हैं कि अभी जनता दरबार से न्याय नहीं मिला तो आने वाले बजट सत्र में वह अपने पूरे परिवार के साथ आत्मदाह कर लेंगे।

पीएम आवास योजना को लेकर दूसरे को दी गई राशि
मुख्यमंत्री के जनता दरबार मे आए एक युवक ने कहा कि पीएम आवास योजना के लिए दी जाने वाली राशि दूसरे को दी गई है। उससे वसूली के बाद इसे योजना का लाभ मिलेगा। यह सुन मुख्यमंत्री गुस्सा गए। उन्होंने तुरंत मुख्य सचिव को बुलाया और कहा कि इस मामले में निर्णय लीजिए। आखिर इसमें इस युवक का क्या दोष है? आप वसूली करिए और इसे लाभ दें। ऐसा नहीं चलेगा।

फरियादियों ने नल जल योजना को बताया फिसड्‌डी
वहीं एक फरियादी ने CM नीतीश कुमार से कहा सर आप आए हैं तो विकास तो हो रहा है। लेकिन नल-जल योजना फेल है। फरियादी ने कहा कि सर आपके नल योजना की परिभाषा यही है कि नल है लेकिन जल नहीं। यह सिर्फ दिखावे की योजना है। मुख्यमंत्री ने नल-जल योजना की परिभाषा सुनकर फरियादी को अफसर के पास भेज दिया।

पानी टंकी लगी पर नहीं पहुंचा पानी
एक फरियादी ने कहा पंचायत में सिर्फ वाटर टावर बना दिया गया लेकिन आज तक किसी के घर में एक बूंद पानी नहीं पहुंचा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकतर गांवों में तो नल-जल योजना पहुंच गया है। आप कह रहे हैं कि नल-जल पहुंचा ही नहीं। फरियादी ने कहा कि जब आपके यहां शिकायत किए तो आनन-फानन में काम शुरू हुआ है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारी को फोन लगाया और कहा कि इस मामले को देखिए।

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