वोटिंग के बाद कयासों का चल रहा दौर – हर दल का नेता जीत के साथ सरकार बनाने का कर रहा दावा – भाजपा का 2017 दोहराना बना चुनौती

फतेहपुर। सात चरणों मे होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के चौथे चरण यानी बुधवार को जनपद में सम्पन्न हुई वोटिंग के बाद अब अपने अपने दलों की जीत को लेकर समर्थकों के कयासों का दौर शुरू हो चुका है। किस दल का कौन सा प्रत्याशी किस सीट से जीत हासिल करेगा इसको लेकर चाय की दुकानों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो गया है।
विधानसभा चुनाव 2022 में सदर विधानसभा सीट से भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक विक्रम सिंह पर एक बार फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है जबकि समाजवादी पार्टी से पूर्व नगर पालिका परिषद के चेयरमैन चंद्र प्रकाश जोशी मैदान में हैं। बसपा ने अय्यूब अहमद को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस पार्टी से मोहसिन अहमद उर्फ मोहसिन खान प्रत्याशी बनाए गए हैं। आयाह शाह विधानसभा सीट से भाजपा ने निवर्तमान विधायक विकास गुप्ता को सपा से राज्यसभा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद, बसपा से चंदन पाल मैदान में हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी में तेज तर्रार महिला नेत्री हेमलता पटेल चुनावी अखाड़े में है। खागा सुरक्षित सीट से भाजपा ने निवर्तमान विधायक कृष्णा पासवान, सपा से पूर्व डीआईजी रामतीर्थ परमहंस, बसपा से दशरथ लाल सरोज एवं कांग्रेस पार्टी से ओम प्रकाश गिहार प्रत्याशी बनाए गए हैं। बिंदकी विधानसभा से भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक करण सिंह पटेल का टिकट काटते हुए सीट सहयोगी गठबंधन अपना दल के खाते में दे दी। अपना दल ने जहानाबाद से निवर्तमान विधायक एवं कारागार राज्यमंत्री जय कुमार सिंह जैकी को टिकट देते हुए मैदान में उतारा है। जबकि सपा ने पूर्व जिलाध्यक्ष रामेश्वर दयाल दयालु उम्मीदवार बनाया है। बहुजन समाज पार्टी से सुशील कुमार पटेल मैदान में हैं। कांग्रेस पार्टी से अभिमन्यु सिंह चुनाव मैदान में है। जहानाबाद विधानसभा से बीजेपी ने पूर्व मंत्री राजेंद्र पटेल को उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक मदन गोपाल वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। जबकि बसपा ने पूर्व विधायक आदित्य पांडेय एवं कांग्रेस पार्टी से कमला प्रजापति मैदान में है। वहीं हुसैनगज विधानसभा से भाजपा ने निवर्तमान विधायक एवं राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप धुन्नी सिंह, बसपा से फरीद अहमद, सपा ने ऊषा मौर्या एवं कांग्रेस ने शिवकांत तिवारी को उतारा है। जनपद की छह विधानसभाओं में प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के अलावा निर्दलीयों समेत 66 प्रत्याशी अपने-अपने भाग की किस्मत आजमा रहे हैं। जनपद में हुए 60 प्रतिशत मतदान के बाद सभी राजनीतिक दल के नेता जहां अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं वहीं उनके समर्थकों के अलावा आम जनमानस के बीच भी प्रत्याशी की जीत के प्रयास के साथ-साथ राजनीतिक दल की सरकार बनाने को लेकर तमाम गुणा गणित लगा जाना शुरू हैं। चर्चाओं का बाजार चाय पान के खोमचों के अलावा सड़को के किनारे लगने वाले जमघट से लेकर गलियों में बैठे हुए लोगों के सत्ता बनाने व बिगाड़ने के अंदाज़े लगाते हुए दो दिखाई दे रहे हैं। विधानसभा चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी जनपद की सभी 6 विधानसभा सीटों को क्लीन स्वीप करते हुए भगवा किले में तब्दील कर दिया था लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पूर्व की स्थिति को दोहराना एक बड़ी चुनौती की तरह है। भाजपा चुनौती पर खरी उतरती है या फिर सपा, बसपा, कांग्रेस कोई करिश्मा कर पाते है यह तो चुनाव परिणाम 10 मार्च पता चल सकेगा। तब तक जनता के कयासों का दौर जारी है।

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