जब जिंदा महिला को पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी भेजा मच गया बवाल

ग्वालियर में सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य के डॉक्टर भी गजब हैं। शुक्रवार को शाम 4:30 बजे के करीब जिंदा महिला मरीज जामवती (31) को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने परिजनों से कहा कि आप शव काे पोस्टमॉर्टम हाउस ले जाइए। परिजन शव काे जेएएच परिसर में बने पोस्टमॉर्टम हाउस लेकर गए। वहां जामवती के पति निरपत सिंह राजपूत ने उसके सीने पर हाथ रखकर देखा तो धड़कन चल रही थी। फिर नाक के सामने हाथ लगाया तो सांसें चलने का अहसास हुआ। उन्होंने यह बात बाहर खड़े परिजन काे बताई ताे वे मरीज काे स्ट्रेचर पर रखकर वापस ट्रॉमा सेंटर लाए और हंगामा कर दिया। यह देख डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू किया।

उत्तर प्रदेश के महोबा निवासी निरपत सिंह राजपूत ने बताया कि दो दिन पहले उनकी पत्नी जामवती का बाइक से एक्सीडेंट हो गया था। उसे हरपालपुर में डॉक्टरों को दिखाया था। जहां से झांसी के लिए रेफर कर दिया गया। झांसी में प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया तो गुरुवार को ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया गया। यहां बीती रात उन्होंने जेएएच के ट्रॉमा सेंटर पर जामवती को भर्ती कराया, लेकिन शुक्रवार को शाम 4:30 बजे के करीब ईसीजी किए बिना ही जामवती को एनेस्थीसिया के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

जेएएच में मध्यप्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मरीज भी इलाज के लिए आते हैं। इसके बाद भी ट्रॉमा सेंटर के हालात नहीं सुध रहे हैं। मरीज काे मृत घोषित करने से पहले ईसीजी होना चाहिए। यहां ईसीजी मशीन भी है। फिर इसका उपयोग नहीं किया गया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण करने आए थे और अव्यवस्था देख नाराजगी जताकर बाहर से लौट गए थे। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन नहीं चेता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.