फरीदाबाद में 15वीं मंजिल से कूदकर जान देने वाला छात्र के शौक उसकी जिंदगी पर भारी पड़ गए। उसके दोस्त ये मानने को तैयार नहीं कि गौरव दुनिया में नहीं रहा। मृतक के साथ पढ़ने वाले छात्रों में उसे चिढ़ाते वालों के अलावा उसके दोस्त भी थे। मृतक की मां का कहना है कि गौरव दूसरों से अलग था। वह अपनी दुनिया अपने हिसाब से जीना चाहता था। वह नेल आर्ट जानता था। वह घर पर ही लड़कियों की आर्टिफिशियल ज्वेलरी के नए नए डिजाइन बनता था और खुद ही उन्हें पहन कर देखता था। उसे लड़कियों की तरह सजना संवारना अच्छा लगता था। उसके ये शौक जहां उसे ख़ुशी देते थे वहीं दूसरों के लिए ये मजाक का जरिया थे। मृतक की मां ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि उसके साथ पढ़ने वाले छात्र उसे गे कहते थे। उसके साथ छेड़छाड़ होती थी।
पुलिस की अभी तक की जांच में सामने आया है कि जिन छात्रों पर गौरव को परेशान करने का आरोप है वे कोरोना काल के पहले से ही स्कूल छोड़ चुके हैं। गौरव ने दूसरी कक्षा में डीपीएस में दाखिला लिया था तभी से वह यहां पढ़ रहा है।
साथ पढ़ने वाले छात्र बताते हैं कि वह स्कूल में लड़कियों की ज्वेलरी, नेल पोलिश और नेल आर्ट से जुडी चीजें लाता था। मां का कहना है कि छात्र स्कूल छोड़ने के बाद भी उनके बेटे का पीछा नहीं छोड़ रहे वे लगातार उसे चिढ़ाते थे।
गौरव के साथ स्कूल में हुई प्रताड़ना का पहला मामला नहीं था। वह डिस्लेक्सिया नाम की बीमारी से ग्रसित था। उसका इलाज चल रहा था। कोरोना काल में स्कूल बंद होने के कारण उसकी हालत में सुधार हो रहा था। स्कूल खुलने के बाद से उसके साथ छेड़छाड़ दोबारा से शुरू हो गई। 23 तारीख को उसकी विज्ञान की परीक्षा थी। एक सवाल को पूछने के लिए उसने अपनी अध्यापिका की मदद लेनी चाही।