जीत नहीं पा रहे तो सिविलियंस पर गुस्सा निकाल रहे रूसी सैनिक, केमिकल फैक्ट्रियों पर किए हमले, पता नहीं हम बचेंगे या नहीं

युद्ध शुरू हुए पांच दिन हो गए हैं। अब तक रूस को समझ में आ गया होगा कि हम आसानी से हार मान लेने वाले नहीं हैं। हम पर हावी न हो पाने की खीझ रूस के सैनिक सिविलियंस पर अटैक करके उतार रहे हैं। उन्होंने एक परिवार को खत्म कर दिया, जिसमें मासूम बच्चे थे। केमिकल फैक्ट्रियों पर हमले कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि हम बचेंगे या नहीं।”

रूस की हरकत को लेकर यूक्रेन में ज्यादातर लोगों की राय ऐसी ही है। लोगों की आंखों में आंसू हैं, अपनों की चिंता है और आने वाले कल को लेकर खौफ कायम है। भीषण युद्ध की एक और रात भारी तबाही के साथ बीत चुकी है। यूक्रेन के लोग बहादुरी से लड़ रहे हैं। रूस और बेलारूस की सीमा से लगे खार्कीव और चेर्नीहीव जैसे शहर भीषण बमबारी का सामना कर रहे हैं। रूस राजधानी कीव की घेराबंदी में लगा है।

कीव में मेट्रो स्टेशन और बंकर ही अब आसरा
राजधानी कीव के एक बंकर में पनाह लिए मानवाधिकार कार्यकर्ता ओलेक्सांद्रा मात्वीचुक ने बताया, “मैं एक बंकर में हूं और यहां लोगों का हौसला बरकरार है।”

कीव से बड़े पैमाने पर पलायन भी हुआ है और लोग पोलैंड की सीमा की तरफ गए हैं। ऊंची इमारतों को खाली करा लिया गया है और लोगों को मेट्रो स्टेशनों और बंकरों में रहने की सलाह दी गई है। अधिकतर लोग बंकरों में ही हैं।

ओलेक्सांद्रा कहती हैं, “युद्ध में आम लोग मारे जा रहे हैं। कल ही एक कार पर हुए हमले में एक स्कूल की बच्ची और उसके माता पिता मारे गए। इस परिवार के दो बच्चों की हालत गंभीर है। एक बड़ा मानवीय संकट यूक्रेन में खड़ा हो रहा है।”

ओलेक्सांद्रा बताती हैं, “शनिवार रात भी रूस ने कीव पर भीषण बमबारी की है। रूस बेलारूस की जमीन से यूक्रेन पर मिसाइलें दाग रहा है।”
चेर्नीहीव में दिन रात बमबारी
बेलारूस सीमा के पास स्थिति चेर्नीहीव पर भी भीषण हमले हो रहे हैं। यहां दिन-रात बमबारी की जा रही है और रूस की सेना इस शहर में घुसने की कोशिश कर रही है।चेर्नीहीव के अधिकतर लोग शहर छोड़ चुके हैं। जो मौजूद हैं वो बंकरों में हैं। यहां से बात करते हुए एक स्थानीय व्यक्ति ने रोते हुए बताया, “हम नहीं जानते कि आगे क्या होगा, हम अपने दोस्तों और परिजन से मिल भी पाएंगे या नहीं, हमें नहीं पता है।”

भारी बमबारी और मिसाइल हमलों के बावजूद रूस की सेनाएं शनिवार तक चेर्नीहीव में नहीं घुस सकी थीं। रविवार को भी यहां भीषण हमले जारी थे। वहीं, पूर्व में रूस सीमा के करीब स्थित यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्कीव में भी भीषण हमले जारी हैं। यहां मौजूद एक भारतीय छात्र के मुताबिक यहां केमिकल फैक्ट्रियों पर हमले किए गए हैं और शहर के अधिकतर लोग बंकरों में हैं।

खार्कीव में फोन आउट ऑफ नेटवर्क हुए
खार्कीव में इस समय सन्नाटा पसरा है। यूक्रेन की सेना के मुताबिक रूस की सेना की एक टुकड़ी यूक्रेनी रक्षाबलों की पंक्ति को तोड़ते हुए शहर में घुसने में कामयाब रही है। अपने परिवार के साथ बंकर में शरण लेने वाली एक स्कूली छात्रा ने बताया, “यहां हालात बहुत खतरनाक हैं। सबसे बड़ा हमला हम पर ही हो रहा है।”

बात करते-करते ये छात्रा रोने लगी और कॉल कट गई। वहीं, मध्य यूक्रेन के नाइपरो शहर से बात करते हुए स्कूल में शिक्षिका कैटरियाना कुलीशेंको बताती हैं कि खार्कीव और चेर्नीहीव जैसे शहरों में रह रहे उनके दोस्त अब बात नहीं कर पा रहे हैं। वो अपने दोस्तों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं।

नीपरो में लोग सुरक्षित लेकिन खौफ में
कैटरियाना कहती हैं, “मैं नीपरो में हूं, ये यूक्रेन के केंद्रीय हिस्से में है। मेरे लिए अभी टिप्पणी करना मुश्किल है। हम यहां सुरक्षित हैं क्योंकि यहां तक रूस की सेना का पहुंचना बहुत आसान नहीं है, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में हमारे लोग बहुत परेशान हैं। वहां दिन रात बमबारी हो रही है। मैं अपने दोस्तों के संपर्क में हूं। हम फोन करते हैं, लेकिन बहुत बात नहीं हो पाती। इधर से मैं रोने लगती हूं और उधर से वो रोने लगते हैं। हम सब ये समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या हो रहा है। लगता है कि हम पागल हो जाएंगे।”

कैटरियाना कहती हैं, “छोटे-छोटे बच्चे बमरोधक बंकरों में हैं। मानसिक रूप से ये बहुत परेशान करने वाला है। हो सकता है शारीरिक रूप से हम सुरक्षित हों, लेकिन मानसिक रूप से हम बहुत परेशान हैं।”

1991 में सोवियत संघ के विघटन के पहले यूक्रेन रूस का ही हिस्सा था, लेकिन यूक्रेन के लोग अपने आप को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से रूस से अलग मानते हैं। कैटरियाना कहती हैं, “रूस और हम पड़ोसी हैं। रूस एक ताकतवर देश है जो हम पर कब्जा कर लेना चाहता है। हम भले ही एक छोटे देश हों, लेकिन हमारी अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान है।

हम स्वतंत्र हैं और अपनी स्वतंत्रता की हर कीमत पर रक्षा करना चाहते हैं, लेकिन रूस हमारे स्वतंत्र अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता है। रूस के लोग मानते हैं कि हम हैं ही नहीं। वे हमेशा से हम पर नियंत्रण करना चाहते हैं।”

रूस पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कैटरियाना कहती हैं, “रूस कितनी एकतरफा कार्रवाई कर रहा है इसे इससे समझा जा सकता है कि हमारे राष्ट्रपति पुतिन से बात करना चाहते हैं, लेकिन वो बात ही नहीं कर रहे हैं। वो बस हमारा खून बहाना चाहते हैं। रूस ने हम पर ये युद्ध थोप दिया है, लेकिन हमारे देश के लोग आखिरी सांस तक लड़ेंगे। लड़ने के अलावा हमारे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है।”

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