सऊदी अरब में हज यात्रा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने के बाद भी प्रदेश के हज कोटे की संभावित सीटों के आधे भी आवेदन नहीं हो पाए। इससे हज यात्रियों के लिए होने वाली लॉटरी की संभावना नहीं है और सभी आवेदकों को हज पर जाने का मौका मिल सकेगा।
कोरोना के चलते बीते दो साल से निरस्त हो रही हज यात्रा के इस बार भी नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से रद्द होने की आशंका थी। यही वजह रही कि यात्रा के लिए काफी कम आवेदन हुए। इस पर हज कमेटी ने आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी से 15 फरवरी तक बढ़ाई थी, लेकिन अंतिम तिथि के बाद सिर्फ 9846 लोगों ने हज पर जाने की ख्वाहिश जाहिर की है।
हालांकि अब तक प्रदेश के हज कोटे की सीटें तय नहीं हैं, लेकिन बीते सालों की तरह प्रदेश को 32 से 34 हजार हज सीटें मिलने की संभावना हैं। हज कमेटी के सचिव राहुल गुप्ता ने बताया कि अब तक सऊदी अरब से हज को लेकर कोई नई गाइडलाइन नहीं आई है। गाइडलाइन के आने के बाद हज सीटों का कोटा तय होगा। अगर कोटा पहले की तरह मिलता है तो लॉटरी कराने की जरूरत नहीं होगी।
हज यात्रा के लिए चित्रकूट से सबसे कम सिर्फ एक आवेदन हुआ है। मैनपुरी और ललितपुर में भी आवेदकों का आंकड़ा दहाई तक नहीं पहुंच सका। आवेदकों में मुरादाबाद अव्वल है। यहां से 693 आवेदन हुए हैं। दूसरे नंबर पर लखनऊ से 612 और तीसरे नंबर पर रामपुर से 380 आवेदन हुए हैं। बगैर महरम कोटे से करीब 17 महिलाओं ने और बुजुर्ग कोटे में 300 आवेदन हुए हैं।