गमहाशिवरात्रि: बम भोले के जयकारों से गूंज उठा सिद्धपीठ ताम्बेश्वर मंदिर – कांवरियों के जत्थों ने चढ़ाया गंगाजल, श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना – सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रहा पुलिस बल
फतेहपुर। महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष धूमधाम से मनाया गया। जिले के सभी शिवालयों मंे भक्तों की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं का तांता देर रात से ही सिद्धपीठ के मुख्य द्वार पर लग गया था। सिद्धपीठ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी पुलिस ने पुख्ता इंतेजाम किये थे। महिला पुलिस के साथ-साथ पीएसी और पुलिस के जवान सिद्धपीठ परिसर के चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रहे। सिद्धपीठ तांबेश्वर धाम में विराजमान भगवान शिव के दर्शन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। कांवरियों का जत्था भी बराबर आता रहा और उन्हें शिव दर्शन कराने के लिए मौके पर मौजूद पुलिस महकमे के जवान लगे रहे। दूध, गंगाजल, मेवा, मिष्ठान के साथ फूलों के श्रृंगार से भगवान शिव का पूजा-अर्चना का सिलसिला बराबर जारी रहा। मंदिर परिसर पर भजन-कीर्तन कर श्रद्धालुओं ने भगवान शिव को मनाने का पूरा प्रयास किया। अपनी-अपनी मन्नत पूर्ति के लिए श्रद्धालुओं ने परिक्रमा भी लगाई। मंदिर के समीप लगे मेले का श्रद्धालुओं ने लुत्फ उठाया।
हर वर्ष की भांति फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चर्तुदशी तिथि को मनाए जाने वाला महाशिवरात्रि पर्व का नजारा बहुत ही अजीबो गरीब रहा। सिद्धपीठ तांबेश्वर धाम समेत अन्य स्थानों में विराजमान शिवलिंगों की पूजा की गई। सिद्धपीठ तांबेश्वर में कुंभ जैसा माहौल रहा। श्रद्धालुआंे की भीड़ अनन्त रही। जिसकी गणना नहीं की जा सकती थी। भगवान शिव के दर्शन के लिए कांवरिया, श्रद्धालुओं एवं परिक्रमा लगाने वाले भक्तों की भीड़ देर रात से ही सिद्धपीठ के मुख्य द्वार पर जमा होने लगी। महाशिवरात्रि के महापर्व के पूर्व ही पुलिस ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए तैयारियां कर ली थीं। प्रशासनिक तैयारियों के मुताबिक बनाए गए प्वाइंटों में महिला पुलिस कर्मियों के साथ-साथ पीएसी और पुलिस के जवान मुस्तैद रहे। मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर भगवान शिव के शिवलिंग और मंदिर परिसर से आधा किलोमीटर के दोनों छोरों पर पुलिस की चौक-चौबंद व्यवस्था नजर आई। मंदिर के अंदर दाखिल होने वाले श्रद्धालुओं पर पुलिस की बराबर निगाहें बनी रहीं। श्रद्धालुओं को भी पुलिस के अफसरों ने ज्यादा वक्त नहीं दिया। दर्शन और दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को बाहर करने का सिलसिला जारी रहा। रात तीन बजे से सिद्धपीठ का मुख्य द्वार खुला और देर रात बारह बजे तक श्रद्धालु भगवान शिव को मनाने के लिए गंगाजल के साथ दूध, मेवा, मिष्ठान, दही, बेलपत्र और दही का भोग लगाकर अपनी मनोकामनाएं रखी। वहीं महिला मंडल की ओर से भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया। जय बम भोले की गूंज से सिद्धपीठ का परिसर पूरी तरह से गुंजाएमान रहा। जनपद ही नहीं बल्कि गैर जनपदों से भी श्रद्धालुओं के आने जाने का तांता लगा रहा। महाशिवरात्रि के पर्व पर जहां श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के दर्शन किए। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मंदिर परिसर के बाहर मेले का आयोजन किया गया। जहां नन्हे-मुन्ने बच्चों व महिलाओं सहित युवक युवतियों ने मेले का जमकर आनंद लिया। मेले में आए श्रद्धालुओं ने जहां बच्चों के लिए खेल खिलौने खरीदे तो महिलाओं ने घरेलू सामान की खरीददारी की। मंदिर परिसर में भक्तों ने प्रसाद वितरण के स्टाल भी लगाए। जिसमें बड़ी संख्या मंे श्रद्धालुओं के बीच भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया।