इस कोरोना काल में आयुर्वेद और यूनानी के साथ होम्योपैथ ने अपनी ताकत बता दी है। असाध्य रोगों को ठीक करने में सक्षम यह पद्धति बिहार में फिर तेजी से विकसित की जा रही है। इसके लिए बिहार सरकार आयुष डॉक्टरों की भर्ती कर रही है। इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सरकार का दावा है कि बिहार को आने वाले 45 दिनों में 3270 नए आयुष डॉक्टर मिल जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का दावा है कि वह आने वाले दिनों में व्यवस्था को हाई टेक कर देंगे। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि राज्य में एक साथ 3270 आयुष डॉक्टरों की नियुक्ति से चिकित्सा पद्धति को बड़ी ताकत मिलेगी।
तेजी से हो रहा प्राचीन पद्धतियों पर काम
ऐलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, योगा और सिद्धा के अलावा यूनानी चिकित्सा पद्धति भी प्राचीन पद्धति हैं। केंद्र और राज्य सरकार यूनानी पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए यूनानी चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था पर तेजी से काम रह रही है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि आने वाले 45 दिनों में 3270 आयुष चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। इससे संपूर्ण चिकित्सा पद्धति को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी। स्वास्थ्य
2014 में आयुष मंत्रालय का गठन
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से 2014 में केंद्र में आयुष मंत्रालय का गठन कर यूनानी पद्धति को जोड़ा गया वहीं बिहार में इसके लिए 2018 में आयुष मिशन बनाया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार न सिर्फ इसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, बल्कि नए भवन और संसाधनों के लिए राशि भी मुहैया करवा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि 1926 में पटना में स्थापित राजकीय तिब्बी कॉलेज में भवन के लिए 15 करोड़ रुपए आवंटित की गई है।
यूजी एवं पीजी सीटों की संख्या भी बढ़ाई गई है। 20-21 के सत्र में यूजी (अंडर ग्रेजुएट) सीटों की संख्या बढ़ाकर 125 की गई, जो देश में सर्वाधिक है। इसके साथ ही पीजी (पोस्ट ग्रजुएट) के 31 सीटों पर नामांकन की स्वीकृति दी गई। कैंसर की रोकथाम और उसके समुचित इलाज के लिए भी स्वास्थ्य विभाग लगातार काम कर रहा है।
अब आम लोगों का इलाज होगा आसान
आयुष डॉक्टरों की तैनाती से अस्पतालों की हालत काफी सुधर जाएगी। इससे लोगों को इलाज कराने में काफी आसानी होगी। मौजूदा समय में डॉक्टरों की संख्या काफी कम हो गई है इस कारण से इलाज में परेशानी हो रही है। यूनानी के साथ आयुर्वेद और होम्योपैथ में भी डॉक्टरों की भारी कमी है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का कहना है कि आने वाले दिनों में तेजी से आयुष डॉक्टरों की तैनाती होगी। इसके बाद मरीजों का इलाज आसान हो जाएगा।
पटना से लेकर राज्य के अन्य जिलों में स्थित होगी आयुर्वेद यूनानी और अन्य चिकित्सा पद्धतियों पर लोगों का भरोसा बढ़ गया है। कोरोना काल में जिस तरह से लोग आयुर्वेद यूनानी और होम्योपैथ की तरफ बढ़े इससे उनका विश्वास भी बढ़ा है। ऐसे में लोगों की सुविधा को लेकर डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है।