केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 12 से 14 साल के बच्चों को 16 मार्च से कोरोना का टीका लगाया जा रहा है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके कहा है कि सभी अभिभावक बच्चों का वैक्सीनेशन जरूर करवाएं।
इसके साथ ही प्रिकॉशन डोज को लेकर भी कुछ नियम बदले गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब 60 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज ले सकता है। इसके लिए बनाई गईं अनिवार्यताओं को खत्म कर दिया गया है। दरअसल, पहले फ्रंट लाइन वर्कर और गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों के लिए ही प्रिकॉशन डोज की अनुमति दी गई थी।
बच्चों को लगेगी कार्बेवैक्स
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 12 से 14 साल तक के बच्चों को कार्बेवैक्स लगाई जानी है। इस वैक्सीन को बायोलॉजिकल ई कंपनी ने बनाया है। कार्बेवैक्स एक रिकॉम्बिंनेंट प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। यह कोरोना वायरस की सतह पर पाए जाने वाले प्रोटीन से बनी है। यह स्पाइक प्रोटीन ही वायरस को शरीर की कोशिकाओं में घुसने में मदद करता है। इसके बाद वायरस अपनी तादाद बढ़ाकर शरीर में संक्रमण फैलाना शुरू करता है। यह वैक्सीन को एमआरएनए और वायरल वैक्सीन की तरह केवल स्पाइक प्रोटीन को निशाना बनाती है, लेकिन तरीका अलग होता है। कार्बेवैक्स की भी दो खुराक लगवानी होगी। इसे बनाने में कम लागत वाले तरीकों का भी इस्तेमाल हुआ है। इसलिए यह सबसे सस्ती वैक्सीनों में से एक होगी।