मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक चायवाले के बैंक खाते में करोड़ों रुपये आ जाए तो सुनकर हैरानी होती है। जो भी हो मगर यह सच है। 20 हजार रुपये की नौकरी का लालच देकर चायवाले के अलग-अलग बैंक खातों में दो करोड़ से ज्यादा रुपये आ गए। अब पुलिस जांच कर रही है कि इतने रुपये कहां से आए। इस मामले में उज्जैन की सीएसपी पर कार्रवाई भी हो चुकी है। आरोप थे कि सीएसपी ने चायवाले से पांच लाख रुपये मांगे थे।
दरअसल, यह मामला है उज्जैन का जहां मोहन नगर में रहने वाले राहुल मालवीय के खातों में इतनी बड़ी रकम आई है। राहुल एक होटल पर चाय बेचने का काम करता है। करीब तीन माह पहले विजय नगर इंदौर में रहने वाले सौरभ नाम के युवक ने राहुल से बात की। उसने राहुल से कहा कि 20 हजार रुपये प्रति माह की नौकरी लगवा देगा। इसके लिए फेसबुक पर वीडियो अपलोड करना होंगे। सौरभ ने राहुल के नाम से कोटेक, एचडीएफसी, एक्सिस यस बैंक में खाते खुलवाए और चेक बुक ले ली। इन चेकों पर राहुल के दस्तखत भी करवा लिए। राहुल को फेसबुक पर फनी ग्रुप में वीडियो डालने का काम दिया। राहुल यह काम कर ही रहा था कि तीन महीने में उसके के खाते में पांच करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ।
पुलिस से की थी शिकायत
जब मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो पुलिस ने राहुल को बुलाकर पूछा कि इतने रुपये कहां से आए। कामकाज के बारे में पूछताछ की। राहुल ने बताया कि रुपये उसके मालिक के हैं। उसने बताया कि एक्सिस बैंक खाते से 23 लाख रुपये निकाले थे और मकान खरीद लिया लेकिन सौरभ ने पुलिसवालों के साथ मिलकर उसे धमकाया और मकान अपने नाम करवा लिया। इसकी शिकायत राहुल ने पुलिस से की तो तत्कालीन सीएसपी पल्लवी शुक्ला के नाम से कथित रूप से पांच लाख रुपये लिए गए। राहुल ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की। इसके बाद मामला एसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ल के पास पहुंचा। एसपी ने सीएसपी पर लगे आरोपों की जांच शुरू करवाई और इसी दौरान सीएसपी पल्लवी शुक्ला को भोपाल पुलिस मुख्यालय अटैच करने के आदेश जारी हो गए। एसपी अपनी निगरानी में पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं।
सीएसपी भोपाल अटैच, आरक्षक निलंबित
राहुल पढ़ा-लिखा नहीं है। एक होटल का मामूली कर्मचारी और चाय बेचता है। उसके खाते में इतनी राशि आने के मामले में अब पुलिस भी हैरान है कि आखिर रुपया कहां से आया। कौन-कौन इसके पीछे हैं। सीएसपी पल्लवी शुक्ला पर आरोपों के मामले में यह बात भी सामने आई कि जब राहुल शिकायत लेकर सीएसपी के पास गया था तो सीएसपी की ओर से 40 लाख रुपये मांगे गए थे। सुनील बैरागी नामक युवक ने भी खुद को एसआई बताते हुए सीएसपी की मांग पूरी करने का दबाव बनाया था। बाद में पांच लाख रुपये में बात तय हुई थी। इस शिकायत के बाद सीएसपी पर कार्रवाई हुई। अन्य की जांच भी चल रही है। हालांकि सीएसपी पल्लवी शुक्ला ने कहा था कि तबादला नियम अनुसार हुआ है। रुपये की कोई मांग नहीं की थी। आरोप गलत हैं। इस मामले में एसपी ने आरक्षक केशव रजक को निलंबित कर जांच शुरू करवा दी। घटना के प्रमाण मिलने पर माधवनगर थाने में सत्यप्रकाश, सौरभ,उसके साथी भोला, मांगीलाल आदि और कोतवाली में सुनील बैरागी व उसके साथी पर केस दर्ज करवाया।
कंपनियों के खातों से आए थे रुपये
इस मामले की जांच में पुलिस को पता चला है कि राहुल के खातों में करोड़ों रुपये इंदौर के शिवटेक प्रायवेट लिमिटेड व स्टार इंटरनेशनल कंपनी के खातों से आए थे और फ्यूचर ऑफ टेक्नॉलाजी कंपनी के खाते में ट्रांसफर हुए। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि कंपनी राहुल जैसे अनपढ़ के खाते खोलकर ऐसे ट्रांजेक्शन क्यों कर रही है। युवक ने भी पुलिस से की शिकायत में बताया था कि उसके खातों में लाखों रुपये का लेनदेन होने से वह घबरा गया था। बैंक वालों ने भी मुझे डराया तो मैंने इंदौर के सौरभ से पूछा कि सर इतना पैसा मेरे खाते में कहां से आ रहा है। मैं कहीं फंस तो नहीं जाऊंगा। इस पर वे बोले रियल एस्टेट का पैसा है, ज्यादा दिमाग मत लगा। इधर राहुल की मां जयश्री ने भी 7 मार्च को कलेक्टर को आवेदन दिया है। बताया कि इंदौर का युवक और उसका साथी बहुत ताकतवर है, मकान व गाड़ी छीन ली, झूठे केस में भी फंसवा देंगे। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।