टॉयलेट-एक प्रेमकथा, मैं ससुराल नहीं जाऊंगी, महिला के इस फैसले से सब हैरान

हाथरस में घर में शौचालय न होने की वजह से एक महिला ने अपना ससुराल छोड़ दिया है। उसने शर्त रखी है कि जब तक शौचालय तैयार नहीं हो जाएगा तब तक वह ससुराल नहीं जाएगी। यह मामला महिला एवं बाल कल्याण विभाग के वन स्टॉप सेंटर में आया है। हिंडन विहार निवासी महिला की शादी हाथरस निवासी युवक से हुई थी। ससुराल में रोजाना लड़ाई झगड़ों की वजह से ससुराल वालों से अलग कर दिया और रहने को अलग घर दे दिया है। अलग घर में शौचालय नहीं है जिसके बाद से महिला अपने मायके आकर रह रही है। महिला ने बताया कि शादी के कुछ वर्ष बाद ही सास-ननद के झगड़ों की वजह से रोजाना कलह का माहौल रहता था। महिला का आरोप था कि ससुराल वालों के बहकाने पर पति रोजाना गाली-गलौज और पिटाई भी करता था। बाद में ससुराल वालों की सहमति से पति-पति को अलग घर रहने के लिए दिया गया है लेकिन उस घर में शौचालय नहीं है।

वन स्टॉप सेंटर में यह मामला आया है। काउंसिलिंग के दौरान दोनों पक्षों को बुलाया गया जिसमें पता चला कि महिला दिसंबर 2021 से अपने मायके रह रही है और उसकी शर्त है कि जब तक शौचालय नहीं तैयार होगा, वह ससुराल अपने पति के पास नहीं जाएगी।

समझौते में पति ने वादा किया है कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाएगा और शौचालय तैयार कराने के लिए 15 दिन का समय मांगा है। सेंटर प्रभारी निधि ने बताया कि प्रतिवादी की काउंसिलिंग की गई है और लगातार मामले का फॉलोअप भी किया जा रहा है। 15 दिन के बाद फिर सेंटर पर बुलाया गया है। सारी शर्तें पूरी होने के बाद ही महिला को पति के साथ भेजा जाएगा।

इंटर के बाद पढ़ाई छुड़ाई, आगे पढ़ाने की लगाई गुहार
बेटी को आगे पढ़ाने के लिए मां लड़ाई लड़ रही है। कैला भट्टा की रहने वाली महिला ने वन स्टॉप सेंटर में पति द्वारा प्रताड़ित करने और बेटी को आगे न पढ़ाने की शिकायत की है। महिला का आरोप था कि पति महिला को काफी प्रताड़ित करता है। पिटाई के साथ रोजाना घर में झगड़े होते हैं।

इसमें महिला का कहना था कि पति ने इंटर के बाद बेटी की पढ़ाई छुड़वा दी है और आगे पढ़ाने से मना कर दिया है। काउंसिलिंग के दौरान जब दोनों पक्षों से बात की गई तो पति का कहना कि वह टेलरिंग का काम करता है और सभी बच्चों को पढ़ाने के लिए उसके पैसे नहीं है।

बेटों की पढ़ाई तो चल रही है लेकिन वह बेटी को आगे नहीं पढ़ाना चाहते। सेंटर मैनेजर ने बताया कि काउंसिलिंग के दौरान पति को सुझाव दिया गया कि बेटी का एडमिशन सरकारी स्कूल में करा दें। इसलिए विभाग की तरफ से भी सहायता की जाएगी। इसके बाद बेटी को पढ़ाने के लिए वह तैयार हो गया है।

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