केमिकल की चपेट में आकर दम घुटने से दो युवक की मौत

गांधी नगर इलाके में रविवार सुबह एक दुकान के बेसमेंट में सामान लेने उतरे दो लोगों की केमिकल की चपेट में आकर दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों की शिनाख्त वैभव कथूरिया (22) और जाकिर (40) के रूप में हुई है। बेसमेंट में ठेली-रिक्शा और साइकिल रिक्शा बनाने के लिए लकड़ी के फट्टे रखे हुए थे। उनको दीमक से बचाने के लिए उस पर किसी केमिकल का छिड़काव किया गया था।

रविवार सुबह कर्मचारी जाकिर व दुकान मालिक का इकलौता बेटा वैभव अंदर सामान लेने चले गए। नीचे पहुंचते ही दोनों अचेत हो गए। काफी देर तक जब दोनों नहीं लौटे तो उनको देखा गया। बाद में मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने पब्लिक की मदद से दोनों को बेसमेंट से निकाला और नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया। गांधी नगर थाना पुलिस ने लारवाही से मौत का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। क्राइम टीम के अलावा एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाएं हैं। पुलिस बाकी कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

पुलिस के मुताबिक राकेश कथूरिया (50) परिवार के साथ दो-ब्लॉक, गीता कालोनी इलाके में रहते हैं। इनके परिवार में पत्नी और एक बेटी के अलावा बेटा वैभव था। पिता-पुत्र का गांधी नगर मेन रोड, कैलाश नगर में साइकिल रिक्शा और ठेली बनाने का काम था। मेन रोड पर इनकी आरके ट्रेडिंग के नाम से दुकान है। यहां जाकिर ठेली बनाने का काम करता था। दुकान के नीचे राकेश ने एक संकरा से बेसमेंट बनाया हुआ था। जिसमें लकड़ी व दूसरा सामान रखा रहता था। लकड़ी को दीपक से बचाने के लिए राकेश ने उस पर किसी केमिकल का छिड़काव किया हुआ था।

दुकान पर काम करने वाले एक कर्मचारी अबरार ने बताया कि सुबह करीब 10.30 बजे उसने दुकान खोली और वह माल लेने बाहर चला गया। इस बीच काम शुरू करने के लिए जाकिर और वैभव बेसमेंट से सामान लेने नीचे उतरे। लेकिन अंदर बनी सीढ़ी टूट गई और दोनों अंदर गिर गए। 10.45 बजे अंदर गए वैभव और जाकिर बाहर नहीं निकले तो कुछ शक हुआ। अंदर झांककर देखने पर दोनों बेसमेंट में अचेत पड़े मिले।

राकेश ने शोर मचा दिया। सुबह करीब 11.30 बजे मामले की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों व स्थानीय लोगों ने राकेश और जाकिर को किसी तरह बेसमेंट से बाहर निकाला। दोनों को जग प्रवेश चंद अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को बेसमेंट से रिक्शा बनाने का सामान और वहां रखे कुछ केमिकल मिले हैं। इनको कब्जे में लेकर मामले की छानबीन की जा रही है। दुकान के बाकी कर्मचारियों का बयान लेकर मामले की छानबीन की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मूलरूप से बिहार का रहने वाला जाकिर न्यू उस्मानपुर दूसरा पुश्ता पर किराए का कमरा लेकर रहता था। पुलिस ने उसके परिजनों को हादसे की सूचना दे दी है। गांधी नगर थाना पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

वैभव था परिवार का इकलौता बेटा, परिजनों का बुरा हाल
राकेश कथूरिया ने सपने में भी नहीं सोचा था कि लकड़ी बचाने वाला केमिकल ही उसके बेटे की जान ले लेगा। हादसे के बाद राकेश का रोते-रोते बुरा हाल है। वैभव उनका अकेला बेटा था। इनके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा था। कुछ समय पूर्व राकेश ने बेटी की शादी कर दी थी। अब वैभव ने पिता के काम में हाथ बटाना शुरू किया था। राकेश भी बेटे के काम संभालने से काफी खुश थे। जैसे ही उन्हें पता चला कि बेसमेंट में उनका बेटा अचेत पड़ा है, वह खुद बेसमेंट में उतरने लगे। लोगों ने उनको किसी तरह रोका। बाद में कुछ लोग मुंह पर कपड़ा बांधकर उतरे। इसके बाद वैभव और जाकिर के शवों को निकाला गया।

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