नासिरपीर बाबा के सालाना उर्स में जायरीनों की उमड़ी भीड़ – हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने माथा टेक मांगी मुरादे – कव्वालों ने बांधी समा, अकीदतमंदों ने गला कराया तर
फतेहपुर। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नासिरपीर बाबा का दो दिवसीय सालाना उर्स मुबारक सम्पन्न हो गया। हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों की भारी भीड़ रही। मजार पर फातिया पढ़ लोगों ने दुआएं मांगी। मजार के बाहर सजी विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की दुकानों से बच्चों ने अपने मनपसंद व्यजंन का स्वाद लिया। महिलाओं ने श्रृंगार सामग्री के साथ-साथ घरेलू सामान की खरीदारी की। अन्तिम दिन आयोजित कव्वौली कार्यक्रम मे रात भर कव्वालों ने ऐसी समा बांधी कि लोग अपने-अपने स्थान पर जमे रहे।
शबेबरात पर्व के बाद हर साल हजरत नासिरपीर बाबा का सालाना उर्स मुबारक मनाया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी दो दिवसीय सालाना उर्स मुबारक मनाया गया। सालाना उर्स के मौके पर मजार शरीफ को अंदर से लेकर बाहर तक विद्युत झालरों एवं बल्बों से सजाया गया। विद्युत सजावट से दरगाह रात में रोशन रही। जनपद के कोने-कोने से बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचे। इन जायरीनों में हर धर्म, हर जाति के लोग शामिल रहे। सभी धर्म और जाति के लोग बड़ी श्रद्धा के साथ मजार पर चादर व फूल चढ़ाने के साथ-साथ फातिहा पढ़ मुरादे मांगी। सालाना उर्स के मौके पर मजार के बाहर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के साथ-साथ महिलाओं के श्रृंगार की सामग्री एवं घरेलू सामान की विभिन्न दुकानें सजी रहीं। इन दुकानों पर महिलाओं के साथ-साथ बच्चों की भारी भीड़ रही। बच्चों ने जहां अपने मनपसंद व्यंजन का आनन्द लिया वहीं महिलाओं ने श्रृंगार सामग्री के साथ-साथ घरेलू सामान की खरीददारी की। उर्स के अन्तिम दिन कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद सहित गैर जनपद एवं प्रान्तों से आए कव्वालों ने कव्वाली प्रस्तुत कर ऐसी समा बांधी कि रात भर लोग अपने-अपने स्थान पर खामोशी से कव्वाली का लुत्फ लेते रहे हैं। वहीं इस भीषण गर्मी में उर्स पर आने वाले जायरीनों को प्यास से राहत पहुंचाने के लिए मुराइनटोला निवासी मो. शाहरूख, मो. साहिब, अरशद, अनवार कुरैशी, सतीश यादव, किंग खान, समर, नफीस सिद्दीकी ने स्टाल लगाकर आरओ का ठंडा पानी पूरे दिन पिलाया। जिससे जायरीनों को प्यास से राहत मिलती रही।